जम्मू-कश्मीर में सेना की एक बटालियन के मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले के बाद डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने रविवार (18 सितंबर) को पाकिस्तान में अपने समकक्ष को फोन किया और हमला करने वाले आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए उपकरणों पर पाकिस्तान निर्मित होने के निशान पाए जाने को लेकर ‘गंभीर चिंता’ प्रकट की। सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इस हमले को ‘गंभीर झटका’ करार दिया। यह हमला तड़के 5:30 बजे शुरू हुआ और फिर साढ़े आठ बजे तक मुठभेड़ चली। इस हमले में 17 सैनिक शहीद हो गए और चार आतंकवादी भी मारे गए। हमले में कम से कम 20 सैनिक घायल भी हो गए जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने यहां साउथ ब्लॉक में संवाददाताओं से कहा, ‘मारे गए सभी चार आतंकवादी विदेशी थे और जो सामान वे लोग लेकर आए थे उन पर पाकिस्तान निर्मित होने के निशान हैं। शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि मारे गए आतंकवादियों का ताल्लुक जैश-ए-मोहम्मद संगठन से है।’ उन्होंने कहा कि ‘आतंकवादियों के पास से मिली वस्तुओं पर पाकिस्तान निर्मित होने के निशान थे, ऐसे में मैंने पाकिस्तानी डीजीएमओ से बात की और इस पर गंभीर चिंता से व्यक्त की।’
डीजीएमओ ने कहा कि आतंकवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों से गोलीबारी की जिससे सेना के तंबुओं और अस्थायी शिविरों में आग लग गई। उन्होने कहा, ‘कुल 17 जवान मारे गए हैं। इनमें से 13-14 लोगों की मौत आग लगने के कारण हुई।’ सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेना किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए तैयार है और किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
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