जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा और तनाव के बीच शनिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चिली बेस्ड पावा शैल्स को मंजूरी दे दी है। पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल की बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने घाटी में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए चिली बेस्ड पावा शैल्स (चिली बम) की मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने PAVA यानि पेलागॉर्निक एसिड वनीलिल अमाइड या नॉनिवमाइड को पैलेट गन के विकल्प के तौर पर मंजूरी देने वाली फाइल को क्लियर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक रविवार को 1000 के करीब शैल्स घाटी पहुंच जाएंगे।
पावा शैल्स, नॉन लिथेल वेपन है, इसका इस्तेमाल सामने वाले व्यक्ति के शरीर में जलन पैदा कर देता है और वह कुछ मिनट के लिए कुछ न कर पाने की हालत में पहुंच जाता है। PAVA शैल्स से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता। बता दें कि घाटी में जारी हिंसा में पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर बहस जारी है, जिसके बाद केंद्र सरकार पैलेट गन का विकल्प खोजने पर विचार कर रही थी। पैलेट गन के इस्तेमाल से घाटी में कई प्रदर्शनकारी अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में हिंसा और तनाव व्याप्त है। हिंसा में 70 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं।
कश्मीर जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल की मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली वापस लौटने के बाद सरकार सुझावों पर एक्शन लेगी। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को कश्मीर जा रहा है। दो दिवसीय विजिट पर कश्मीर जा रहे प्रतिनिधिमंडल घाटी में शांति बहाली के मुद्दे पर राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से चर्चा करेगा। इसके अलावा सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और प्रतिनिधिमंडल से भी मीटिंग करेगा। सरकार ने 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के सांसदों को कश्मीर के मौजूद हालत की जानकारी देने के लिए शनिवार को एक बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने कहा कि रविवार से शुरू हो रही जम्मू-कश्मीर की दो दिन की यात्रा के दौरान सभी हितधारकों से संपर्क किया जाना चाहिए। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए हुर्रियत को आमंत्रित करना चाहिए, दूसरों को भेजा गया आमंत्रण हुर्रियत को भी दिया जाना चाहिए। यह उनपर निर्भर करता है कि वे प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहते हैं या नहीं।’

