कश्मीर के पहले आईएएस टॉपर शाह फैसल की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। ‘रेपिस्तान’ वाले ट्वीट पर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दरअसल, कुछ दिनों पहले शाह फैसल ने रेप की बढ़ती घटनाओं पर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ‘पैट्रिआर्की + पॉपुलेशन + इलिट्रेसी + अल्कोहल + पोर्न + टेक्नोलॉजी + एनार्की = रेपिस्तान।’ केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट को ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट रूल्स), 1968 और ऑल इंडिया सर्विसेज (डिसिप्लिन एंड अपील) रूल्स, 1969 के खिलाफ माना है। केंद्र के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के आयुक्त-सह-सचिव ने इस बाबत शाह फैसल को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में सूचित किया है। साथ ही इस पत्र में बताया गया है कि कार्मिक विभाग ने इस बाबत जम्मू-कश्मीर सरकार से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया है। साथ ही विभिन्न प्रावधानों के तहत की गई कार्रवाई के बारे में केंद्र को सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है। जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ने इस पत्र में शाह फैसल के रवैये को लोकसेवकों के लिए अनुचित करार दिया है। इसके अलावा उन्हें आधिकारिक दायित्वों का पूरी ईमानदारी और निष्ठा से न निभाने का भी आरोपी बताया गया है। पत्र के साथ आईएएस टॉपर के ट्वीट के स्क्रीनशॉट की प्रति भी संलग्न की गई है। बता दें कि शाह फैसल फिलहाल विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
Love letter from my boss for my sarcastic tweet against rape-culture in South Asia.
The Irony here is that service rules with a colonial spirit are invoked in a democratic India to stifle the freedom of conscience.
I'm sharing this to underscore the need for a rule change. pic.twitter.com/ssT8HIKhIK— Shah Faesal (@shahfaesal) July 10, 2018
शाह फैसल ने केंद्र के द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने केंद्र की चिट्ठी को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘दक्षिण एशिया में रेप कल्चर के खिलाफ मेरे निंदापूर्ण ट्वीट को लेकर मेरे बॉस (केंद्र) ने प्रेम पत्र भेजा है। विडंबना यह है कि अंतरआत्मा की आजादी का दम घोंटने के लिए औपनिवेशिक रूह वाले सर्विस रूल्स को लोकतांत्रिक भारत में अमल में लाया जा रहा है। मैं इसे (केंद्र की चिट्ठी) इसलिए साझा कर रहा हूं ताकि मौजूदा नियमों में बदलाव की जरूरत को रेखांकित किया जा सके।’ शाह फैसल इससे पहले 11 जून के एक ट्वीट में भी सुधार की वकालत की थी। इसके अलावा घाटी में बढ़ती हिंसा पर भी चिंता जता चुके हैं। बता दें कि कठुआ सामूहिक दुष्कर्म मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। एक मासूम बच्ची से रेप कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी।