Krishna River Flood News: कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कृष्णा नदी बेसिन में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। दोनों ज़िलों के प्रशासन ने राहत केंद्र स्थापित किए हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
अलमट्टी बांध से लगभग 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कृष्णा भाग्य जल निगम लिमिटेड अलमट्टी बांध के सूत्रों ने बताया कि बुधवार शाम 6 बजे पानी का औसत प्रवाह 1.6 लाख क्यूसेक था। कृष्णा, घटप्रभा और मालाप्रभा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे लोगों में चिंता पैदा हो गई है। बागलकोट जिला आयुक्त संगप्पा ने बताया कि मुधोल तालुका के मिरजी गाँव में विस्थापित परिवारों के लिए एक राहत केंद्र खोला गया है।
कृष्णा नदी से छोड़ा जा रहा पानी
राजापुर बैराज पर कृष्णा नदी से बुधवार शाम 5 बजे तक 1.4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका था। इस बीच, नारायणपुर बांध में आने वाले घंटों में पानी का प्रवाह बढ़कर 2.6 लाख क्यूसेक होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि लगातार बारिश से क्षेत्र के 47 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है, हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
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कर्नाटक में भारी बारिश
कर्नाटक के कई हिस्सों में बुधवार को भी भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा, सड़क संपर्क बाधित हुआ और एहतियातन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा जबकि प्रमुख जलाशय पूरी क्षमता के करीब पहुंच गए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक धारवाड़, गडग, दावणगेरे, हावेरी और उत्तर कन्नड़ में भारी बारिश का सिलसिला जारी है जिससे घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर कुछ इलाकों में लोगों को राहत केंद्रों में ले जाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण कृष्णा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि नारायणपुर जलाशय से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद, शीलहल्ली पुल डूब गया, जिससे सड़क संपर्क टूट गया जबकि नदी किनारे बसे गांवों पर अब बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
नदी किनारे बसे गांवों पर बाढ़ का खतरा
अधिकारियों ने बताया कि शीलहल्ली-हंचिनाल पुल के पानी में डूब जाने से कद्दारागड्डी, यारिगोडी और हंचिनाल सहित नदी किनारे के गांवों से सड़क संपर्क टूट गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को अब तालुका मुख्यालय पहुंचने के लिए जलदुर्ग होकर 45 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और उफनती कृष्णा नदी में प्रवेश न करने का निर्देश दिया है, जो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
इस बीच, आईएमडी ने अगले सात दिनों में कर्नाटक में भारी बारिश का अनुमान जताया है। आईएमडी ने बुधवार को उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों में एक या दो स्थानों पर मूसलाधार वर्षा का पूर्वानुमान जताया है, जबकि दक्षिण कन्नड़ के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई।पढ़ें- देशभर के मौसम का हाल
(भाषा के इनपुट के साथ)