Karnataka Political Crisis : कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन से भले ही 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन अभी इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष का फैसला बाकि है, ऐसे में विधानसभा में सदस्य की संख्या 224 ही रहेगी।बागी विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। शुक्रवार तक स्पीकर की रिपोर्ट के आधार पर आगे सुप्रीम कोर्ट फैसला दे सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में अपनी फैसला नहीं सुनाया है। उनका कहना है कि उन्होंने विधायकों से मुलाकात की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई है और वह उसे सुप्रीम कोर्ट के पास भेजेंगे। उनका कहना है कि उनसे मिले विधायकों ने बताया कि उन्हें धमकाया गया था और इस डर से वो मुंबई चले गए थे। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि ऐसी स्थिति में विधायकों को उनसे बात करनी चाहिए थी , वह खुद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराते, लेकिन विधायकों ने ऐसा बर्ताव किया जैसे भूकंप आ गया हो।
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफे के ‘स्वैच्छिक और वास्तविक’ होने की जांच करेंगे।उन्होंने बागी विधायकों से मुलाकात के बाद कहा कि कर्नाटक विधानसभा नियम के अनुसार इस्तीफे को ‘सही प्रारूप’ में होना चाहिए।
कुमार ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्यवश, पिछले सप्ताह मेरे कार्यालय में जो 13 पत्र आए थे, उनमें से आठ सही प्रारूप में नहीं थे।’’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वह न तो मौजूदा राजनीतिकि स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं और न ही इसके परिणाम के लिए जिम्मेदार हैं। कुमार ने कहा, ‘‘ विधायकों ने अब अपना इस्तीफा सही प्रारूप में सौंपा है …मुझे इसकी जांच करनी होगी कि यह स्वैच्छिक और वास्तविक है या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि वह पहले भी विधायकों को इसकी जानकारी दे चुके हैं कि अगर वह अपना इस्तीफा सौंपना ही चाहते हैं तो उन्हें दोबारा तय प्रारूप में अपना इस्तीफा सौंपना चाहिए।
Highlights
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफे के ‘स्वैच्छिक और वास्तविक’ होने की जांच करेंगे।उन्होंने बागी विधायकों से मुलाकात के बाद कहा कि कर्नाटक विधानसभा नियम के अनुसार इस्तीफे को ‘सही प्रारूप’ में होना चाहिए।
कर्नाटक विधानसभा स्पीकर ने बताया कि बागी विधायकों का कहना है कि उनको धमकाया गया था और वह डर के मारे मुंबई भाग गए। मैंने उनसे कहा कि उन्हें इस बारे में मुझे बताना चाहिए है। मैंने उन्हें सुरक्षा दिलाता। तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन विधायकों ने ऐसा बर्ताव किया जैसे भूकंप आ गया हो।
विधानसभा स्पीकर का कहना है कि विधायकों नें मुझसे बात नहीं की और सीधा गवर्नर के पास गए, वो क्या कर सकते हैं? क्या यह जल्दीबाजी और गलत नहीं है? मेरी प्रतिबद्धता राज्य के लोगों और संविधान के प्रति है। मैंने देरी की क्योंकि मैं कर्नाटक से प्रेम करता हूं, मैं जल्दबाजी में फैसले नहीं ले रहा।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार का कहना है कि उन्होंने विधायकों के साथ मीटिंग का वीडियो बनावाया है और वह इसे सुप्रीम कोर्ट को सौंपेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामलें में फैसला लेने का निर्देश दे चुका है।
विधानसभा स्पीकपर का संबोधन
विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे बागी विधायक।
मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ उन 10 विधायकों के मामले में आदेश पारित कर रही है जो हमारे पास आए हैं, अन्य के लिये नहीं। अगर बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थक विधायकों की संख्या 106 हो जाएगी जबकि भाजपा को 107 विधायकों का समर्थन हासिल है। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 है।
कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन से भले ही 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन अभी इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष का फैसला बाकि है, ऐसे में विधानसभा में सदस्य की संख्या 224 ही रहेगी और बीजेपी फिलहाल विश्वास मत और फ्लोर टेस्ट के पक्ष में नहीं है।दरअसल ऐसा इसलिए हैं क्योंकि फ्लोर टेस्ट की स्थिति में गठबंधन अपने सभी विधायकों पर व्हीप लगा देगी और विश्वासमत आसानी से पास कर लेगी।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। लेकिन, अदालत ने अध्यक्ष के आवेदन को दायर करने की अनुमति दी है।मामले को लेकर बाद में सुनवाई हो सकती है।
कोलकाता में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं नें कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट को लेकर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया।हालांकि बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया।
सीएम एचडी कुमार स्वामी और कांग्रेस नेता डी शिवकुमार और अन्य नेता विधान सौधा सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे हैं।बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने आज 6 बजे विधानसभा स्पीकर से मिलने और दोबारा इस्तीफा सौंपने का निर्देश दिया है।
कर्नाटक में जारी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में आदेश दिया कि बागी विधायक आज बेंगलुरु जाएं और वहां स्पीकर से मिलें। इसके बाद स्पीकर इस्तीफे पर कोई फैसला लें। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा। वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने भी अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। रमेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बागी विधायकों पर फैसला लेने के लिए और समय देने की मांग की है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मसले पर सुनवाई से इंकार कर दिया है।
हवाई अड्डे पहुंचे बागी विधायक
सुप्रीम कोर्ट के बागी विधायक दोपहर में 2-2.30 बजे के करीब बेंगलुरू के लिए निकल जाएंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बागी विधायकों को बेंगलुरू में विधानसभा स्पीकर से मिलना होगा। हालांकि इस दौरान विधायकों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाएगा। विधायक शाम में 6 बजे के करीब विधानसभा स्पीकर से मुलाकात करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बागी विधायकों को गुरुवार को स्पीकर से मिलकर अपना इस्तीफा दोबारा सौंपने के निर्देश दिए हैं। खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सिर्फ 10 बागी विधायकों पर लागू होगा। अन्य विधायकों को लेकर असमंजस की स्थिति अभी भी बरकरार है। वहीं पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने गुरुवार को स्पीकर से मुलाकात की और उनसे निवेदन किया कि 16 बागी विधायकों में से 2 को अयोग्य ठहराया जाए। जिन दो विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है, उनमें रमेश जारकिहोली और महेश कुमाथल्ली का नाम शामिल बताया जा रहा है।
कांग्रेस लगातार कर्नाटक के मौजूदा राजनैतिक संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है। अब कर्नाटक सरकार ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा अपनी ताकत से राज्य की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। ऑपरेशन लोट्स के तहत पैसे और ताकत की सभी सीमाएं लांघ दी गई हैं। विधायकों का अपहरण किया जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
बेंगलुरु पहुंचने पर शिवकुमार ने बताया कि मुंबई अपने स्वागत सत्कार के लिए जाना जाता है। मैंने वहां एक कमरा बुक किया था और अपने दोस्तों और सहयोगियों से मिलने के लिए मैं एक आधिकारिक दौरे पर गया था, लेकिन भाजपा और अधिकारियों ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया। यह शर्म की बात है।
कांग्रेसी नेता और कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार का कहना है कि हमें विश्वास है कि विधायक हमारे साथ ही रहेंगे। मुझे उम्मीद है कि वो वापस आएंगे और अपना इस्तीफा वापस लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक डीजीपी से बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। बागी विधायकों को आज बेंगलुरू जाना होगा, जहां उनकी विधानसभा स्पीकर से मुलाकात होगी।
कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में किया प्रदर्शन
विधानसभा स्पीकर द्वारा बागी विधायकों का इस्तीफा ना स्वीकार करने के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। लेकिन इस बात से बेखबर स्पीकर रमेश कुमार का कहना है कि वह नियमों और कानून से एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। रमेश कुमार ने कहा कि 'मुझे समझ नहीं आता कि भाजपा को जल्दी क्या है? ऐसी कई घटनाएं हैं, जब इस तरह के मुद्दों में महीनों लगे हैं। जो भी दबाव है, मैं नियमों और कानून से एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा'
कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है। बता दें कि बागी विधायकों ने आरोप लगाया है कि विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार उनका इस्तीफा नहीं स्वीकार कर रहे हैं और उन्हें बर्खास्त करने की धमकी दे रहे हैं। बागी विधायकों की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी अदालत में पेश होंगे।
कर्नाटक संकट के मुद्दे पर बुधवार को भी संसद की कार्यवाही बाधित रही। विपक्षी पार्टियों ने संसद में कर्नाटक मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा पर 'धोखे' की राजनीति करने का आरोप लगाया।
आज यानि कि गुरुवार को कर्नाटक कैबिनेट की बैठक होने जा रही है। वहीं सरकार ने 11-14 जुलाई तक कर्नाटक विधानसभा के बाहर धारा 144 लागू कर दी है। जिसके बाद कोई भी विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन नहीं कर पाएगा।