कर्नाटक विधानसभा ने बुधवार को COTPA अधिनियम (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद) में संशोधन करते हुए राज्य भर के सभी हुक्का बार पर प्रतिबंध लगा दिया। राज्य ने 21 साल से कम उम्र के लोगों को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

आदेश का उल्लंघन करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए एक से तीन साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना सहित कठोर दंड का प्रावधान है। अधिसूचना के अनुसार, अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और तंबाकू से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए मौजूदा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA) में संशोधन के बाद प्रतिबंध लगाया गया है।

हुक्का उत्पादों की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध

कर्नाटक सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में हुक्का उत्पादों की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदेश में युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह बड़ा फैसला लिया गया है। हुक्के पर बैन का ऐलान कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने 7 फरवरी को X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी। इसमें उन्होंने लिखा था, “सार्वजनिक स्वास्थ्य और युवाओं की रक्षा के मकसद से कर्नाटक सरकार ने हुक्का पर बैन लगाने का फैसला लिया है।”

संशोधित विधेयक सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है, जिसमें धूम्रपान मुक्त वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है।

नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगा एक्शन

कर्नाटक सरकार का कहना है कि नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ COPTA (सिगरेट और तंबाकू उत्पाद अधिनियम) 2003, बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अधिनियम 2006, कर्नाटक जहर (कब्जा और बिक्री) नियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अग्नि नियंत्रण और अग्नि सुरक्षा कानूनों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हुक्का बार में हुक्का की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध पिछले साल कोरमंगला में एक हुक्का बार में आग लगने की घटना को देखते हुए लगाया गया है। बार में आग और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया था।