Karnataka College Hijab Ban Controversy: कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13 सितंबर) को अपना फैसला सुनाया। 22 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत में यह सुनवाई 10 दिनों तक चली। कोर्ट में फैसला सुनाते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि मामला उचित दिशानिर्देश के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया है।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाया। कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया ने अलग-अलग फैसला दिया है। जस्टिस धूलिया ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह पसंद की बात है, कुछ ज्यादा नहीं, कुछ कम नहीं। उन्होंने इस मामले में अपील की अनुमति दी और कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया।

कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था।

बड़ी बेंच के फैसले का इंतजार: इस मामले पर बात करते हुए याचिकाकर्ता पक्ष के वकील आफताब अली खान ने कहा कि आज का फैसला एक बंटा हुआ फैसला है। जिसे देखते हुए बेंच ने इसे बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है। वकील वरूण सिन्हा ने कहा, “अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है। अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है।”

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: कर्नाटक के मंत्री बीसी नागेश ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमने बेहतर फैसले की उम्मीद की थी क्योंकि दुनिया भर की महिलाएं हिजाब/बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं। कर्नाटक HC का आदेश अंतरिम समय में लागू रहता है। राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।” वहीं, शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने का समर्थन करने वाले संगठनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे हमेशा इस समाज को बांटना चाहेंगे। वे समाज को बांटने के लिए हिजाब का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गयी थी चुनौती: गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म के राज्य सरकार के आदेश को सही ठहराया गया था। हाईकोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ताओं ने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की दलील दी थी। जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में अनुशासन बनाए रखना बहुत जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब जाने आगे क्या होगा-

क्या है मामला: गौरतलब है कि कनार्टक सरकार ने 5 फरवरी 2022 को एक आदेश दिया था, जिसमें स्कूल-कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा पहुंचाने वाले कपड़ों को पहनने पर बैन लगाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म के पालन के राज्य सरकार के आदेश को सही ठहराया गया था।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ताओं ने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की दलील दी है। हाई कोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।