Karnataka Chief Minister: कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री चुनने में कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब तक एक राय पर नहीं पहुंच पाया है। सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और डीके शिवकुमार दोनों ही नेता सीएम पद के लिए अड़े हुए हैं। आज सुबह राहुल गांधी ने राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की। सिद्धारमैया कुछ विधायकों के साथ 10 जनपथ पहुंचे थे। अब कुछ ही देर में डीके शिवकुमार भी राहुल गांधी से मुलाकात करने के लिए पहुंचने वाले हैं।

इस बीच खबर यह भी है कि कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वरा ने भी सीएम पद के लिए दावेदारी जताई है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक सीएम पद की रेस में अब एक तीसरा उम्मीदवार आ गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वरा (G Parameshwara) ने सीएम पद के लिए दावा किया है।

उन्होंने कहा कि वह भी 50 विधायकों को जमा कर सकते हैं औऱ दिल्ली जा सकते हैं लेकिन परहेज कर करे हैं क्योंकि यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “अगर शीर्ष नेतृत्व में मुझे जिम्मेदारी देता है तो मैं इसे लेने के लिए तैयार हूं। मुझे अपनी लीडरशिप में विश्वास है।”

कौन हैं जी परमेश्वरा? (Who is G Parameshwara?)

जी परमेश्वरा कर्नाटक के एक दलित नेता हैं। वह राज्य में कांग्रेस पार्टी के सबसे लंबे समय तक (साल 2010 से साल 2018) अध्यक्ष भी रहे हैं। साल 2013 में जब कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की थी, तब सीएम पद के लिए रेस में उनका भी नाम था लेकिन कांग्रेस आलाकमान की तरफ से सिद्धारमैया के नाम का चयन किया गया।

साल 2008 में जी परमेश्वरा अपनी परांपरिक सीट कोराटेगेरे जेडीएस के पीआर सुधाकार लाल से हार गए गए। इसके बाद उन्हें अपर हाउस भेजकर राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “शीर्ष नेतृत्व मेरा योगदान जानता है। मैंने 8 साल तक KPCC अध्यक्ष के रूप में काम किया है। मैंने डिप्टी सीएम पद भी संभाला है। मैं सीएम पद के लिए लॉबिंग नहीं कर रहा हूं इसका मतलब यह नहीं कि मैं योग्य नहीं हूं।”

जी परमेश्वरा ने अपना पहला चुनाव साल 1989 में जनता दल के सी राजवर्धन के खिलाफ जीता था। वह साल 1993 में पहली बार वीरप्पा मोइली कैबिनेट में मंत्री चुने गए। उन्होंने 1999 में रिकॉर्ड 55,802 वोटों से विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया। साल 2002 में एस एम कृष्णा की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वह अब तक सिर्फ 2008 में एक बार चुनाव हारे हैं।