जम्मू में आज कांग्रेस के कई दीगगज़ नेताओं की एक बैठक हुई। इस शांति सम्मेलन में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, राज बब्बर जैसे कई नेता शामिल थे। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कमजोर होती दिख रही कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की बात कही। सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायरमेंट को लेकर भी सवाल उठाया।

सिब्बल ने कहा ” सच्चाई बोलने का मौका है और सच ही बोल्न चाहिए। हम क्यों यहां इकट्ठा हुए हैं। सच्चाई तो ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। इसलिए इकट्ठा हुए हैं पहले भी इकट्ठा हुए थे। इकट्ठा होकर हमें इसको मजबूत करना है।” सिब्बल ने कहा कि गांधी जी सचाई पर चलते हैं लेकिन ये सरकार झूठ बोल रही है।”

सिब्बल ने आगे कहा, ‘कांग्रेस पार्टी को हर जिले प्रदेश में मजबूत करने के लिए काम करेंगे। अगर कांग्रेस कमजोर हुई तो देश कमजोर होगा। देश के सामने समस्या इस देश मे ऐसे राजनेता और राजनीति जिसका दृष्टिकोण पार्टी को बढ़ाने में लगा है।’

गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायरमेंट को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा, ‘आजाद एक ऐसे नेता हैं, जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की हकीकत और उसकी ताकत के बारे में जानते हैं। हमें दुख हुआ, जब यह पता चला कि वह अब संसद में नजर नहीं आएंगे। हम नहीं चाहते थे कि वह संसद से जाएं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है।’

सिब्बल ने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद की असल में भूमिका क्या थी? एक व्यक्ति जो विमान उड़ाता है, वह अनुभवी व्यक्ति होता है। एक इंजीनियर उसके साथ होता है, जो इंजन या विमान के किसी हिस्से में गड़बड़ी आने पर उसे ठीक करता है। गुलाम नबी आजाद भी उसी इंजीनियर की तरह पार्टी के लिए काम करते रहे हैं।’

कांग्रेस के जबलपुर से राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा, ‘आजाद के जाने के बाद यहां मंच पर मौजूद सभी नेता जम्मू कश्मीर की जनता के साथ हैं। आजाद के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की बात की। आजाद जब मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश का स्वर्णिम युग था जो वापस आएगा। जम्मू कश्मीर के स्टेटेहूड, नौकरियां, सड़कों की बात हम संसद में उठाएंगे।’

वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा, “पिछले 5-6 सालों में ये सभी मेरे दोस्त जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संसद में मुझसे कम नहीं बोले। इन्होंने भी बेरोजगारी, राज्य का अधिकार छीनना, उद्योगों और शिक्षा को खत्म करना, जीएसटी का मुद्दा उठाया।”