आपने कंधार हाईजैक कांड की स्टोरी तो सुनी होगी। इंडियन एयरलाइंस एयरक्राफ्ट IC – 814 का विमान 1999 में आतंकियों ने हाईजैक किया था। इस विमान के पायलट कैप्टन देवी शरण थे। अब वह रिटायर हो गए हैं। शनिवार को बतौर पायलट देवी शरण की आखिरी उड़ान थी। अपने फेयरवेल के मौके पर देवी शरण भावुक हो गए। देवी शरण की होशियारी से ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियो को अधिक समय मिला था और उन्होंने यात्रियों की जान बचाई थी।
IC 814 के हाईजैक ने मुझे बहुत कुछ सिखाया- कैप्टन देवी शरण
कैप्टन देवी शरण ने 1985 में इंडियन एयरलाइंस को ज्वाइन किया था। वर्तमान में वह एअर इंडिया के विमान के पायलट थे। करीब 40 वर्ष तक उन्होंने एक ही कंपनी में अपनी सेवाएं दी। उनकी उम्र 65 वर्ष है। उनका कार्यकाल काफी रोचक रहा है। देवी शरण ने कहा कि IC 814 के हाईजैक ने मुझे सिखाया कि जीवन बहुत अप्रत्याशित है और व्यक्ति को हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे कठिन दिन था और मेरा एकमात्र लक्ष्य था कि सभी लोगों की जान बचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं मेरी प्रार्थना है कि कभी भी किसी के जीवन में कोई ऐसा पल ना आए।
केवल कंधार हाईजैक ही नहीं बल्कि कैप्टन देवी शरण एक बार लीबिया में भी फंस गए थे। लीबिया में गृह युद्ध चल रहा था और कैप्टन देवी शरण वहां पर फंस गए थे। लीबिया की सड़कों पर AK-47 लेकर युवा घूम रहे थे और उन्होंने देवी शरण का पीछा किया था। हालांकि उस दौरान वह सुरक्षित बच गए थे।
क्या सच में भोला और शंकर थे आतंकियों के नाम? IC 814 वेब सीरीज से कितनी अलग है सच्चाई
क्या था कंधार हाईजैक कांड?
यह घटना 24 दिसंबर 1999 की है। इंडियन एयरलाइंस के विमान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। विमान में 178 यात्री सवार थे। इस विमान में पांच हथियारबंद आतंकवादी घुस गए थे और जैसे ही विमान इंडियन एयरस्पेस में दाखिल हुआ, तुरंत विमान को हाईजैक कर लिया गया। विमान को पहले अमृतसर लैंड कराया गया। उसके बाद लाहौर, फिर दुबई और उसके बाद अफगानिस्तान के कंधार में लैंड कराया गया।
भारत सरकार और हाईजैकर्स के बीच करीब सात दिन तक बातचीत चलती रही और विमान अफगानिस्तान के कंधार हवाई अड्डे पर खड़ा रहा। बाद में भारत सरकार तीन आतंकियों को छोड़ने पर सहमत हुई और उनमें मुस्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर शामिल था। सभी यात्रियों को बचा लिया गया था। पढ़ें जानिए कंधार हाईजैक में क्या थी आतंकियों की मांग