हाल ही में जेल से छूटे डॉ कफील खान ने खुद के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। डॉ. कफील खान ने कहा कि वह एक डॉक्टर हैं और ऐसा ही बने रहना चाहते हैं। वह कांग्रेस ही नहीं, किसी दूसरी पार्टी में भी शामिल होने की नहीं सोच रहे हैं। डॉ. कफील खान भड़काऊ भाषण के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किए गए थे। हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक सितंबर को कफील खान की हिरासत रद्द कर दी थी। इसके बाद उन्हें मथुरा जेल से रिहा किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कफील खान इस वक्त राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसी अन्य मामले में फंसाए जाने की आशंका के मद्देनजर मानवता के आधार पर मेरी मदद की थी। इसका यह मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए कि मैं कांग्रेस में शामिल होने जा रहा हूं। प्रियंका से राजनीति के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है। प्रियंका की तरफ से मुझे किसी तरह का ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।’
डॉ. कफील खान ने कहा, ‘इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद जब मेरी रिहाई में देरी हुई तो यह आशंका होने लगी कि उत्तर प्रदेश सरकार मुझे फिर किसी मामले में फंसाने की तैयारी कर रही है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। मथुरा से भरतपुर का रास्ता महज 20 मिनट का है, इसलिए प्रियंका ने मुझे भरतपुर आने की पेशकश की थी।’
डॉ. कफील खान ने प्रियंका गांधी वाड्रा का शुक्रिया अदा किया है। कफील ने कहा, ‘उनकी (प्रियंका गांधी वाड्रा) मेहरबानी से मुझे राजस्थान में सुरक्षा मिल गई है। मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में अपने पद पर बहाल करें ताकि वह लोगों की सेवा कर सकें।’
डॉ. कफील खान ने बताय, ‘मैं बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों में जाकर पीड़ित लोगों की सहायता करना चाहते हैं। मैंने इसके लिए तैयारी भी कर ली है।’ बता दें कि पिछले साल दिसंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत डॉ. कफील खान हिरासत में ले लिया गया था।