जंक फूड खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है। लेकिन क्या इसको लेकर मामला कोर्ट में जा सकता है ऐसा किसी ने कभी नहीं सोचा होगा। ऐसा ही एक मामला सीधे हाईकोर्ट पहुंच गया है। मामला कर्नाटक का है। एक महिला ने अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था जिसको लेकर बीते दिन कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस एम नाग प्रसन्ना ने कहा कि इस तरह की शिकायत किसी व्यक्ति के खिलाफ करना बहुत ही निम्न स्तर का मामला है।
क्या है मामला?
एक महिला ने अपने पति के खिलाफ IPC की धारा 498 ए के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके पति ने बच्चे के जन्म के बाद उसको फ्रेंच फ्राइज खाने से मना किया था। इस मामले को लेकर महिला ने अदालत में इसकी शिकायत की। अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर पति के खिलाफ किसी भी तरह की जांच का आदेश देना कानून का दुरुपयोग करना होगा।
बार एंड बेंच के अनुसार मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस एम नाग प्रसन्ना ने पति के खिलाफ चल रहे सभी जांच पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी किया। इसके साथ ही पति के विदेश जाने की भी अनुमति दे दी। हालांकि पति को इसके लिए अपना एफिडेविट जमा करना होगा।
इसके बाद पति ने एफिडेविट जमा करते हुए कहा कि वह इस मामले में जांच प्रक्रिया के दौरान सभी अधिकारियों को पूरा सहयोग करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महिला ने इस मामले में अपने पति के साथ ही अपने ससुराल वालों को भी आरोपी बनाया था। हालांकि कोर्ट ने परिवार के खिलाफ चल रहे जांच को दिया था।
पत्नी अपने पति से ही कराती थी सभी काम
महिला ने शिकायत में अपने पति पर आरोप लगाया था कि बच्चे के जन्म के बाद उसके पति ने फ्रेंच फ्राइज और मीट खाने पर रोक लगा दी थी। पत्नी के आरोपी पर पति ने तर्क के साथ जवाब दिया था कि अमेरिका में रहने के छह वर्षों के दौरान घर में उसकी पत्नी उसी से ही सारा काम कराती थी। इसके साथ ही पत्नी केवल मोबाइल चलाती रहती और पाकिस्तानी सीरियल देखा करती थी।