मशहूर शायर राहत इंदौरी का इंतकाल हो गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उन्हें इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज़ के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इंदौरी की मौत की खबर ने सभी को दुखी कर दिया। पत्रकारों से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटी तक सभी उनके शेर और शायरियां शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पत्रकार आरफा खानम ने भी राहत इंदौरी का एक शेर शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। लेकिन यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।

आरफा खानम ने लिखा “‘सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिटटी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है’ ऐसे शायर और ऐसे इंसान नायाब होते हैं। राहत इंदौरी को आख़िरी सलाम” उनके इस ट्वीट पर एक ट्रोल ने लिखा “सभी का खून शामिल था यहाँ की मिट्टी में, हम अनजान थोड़े हैं, किंतु जिनके अब्बा ले चुके पाकिस्तान, अब उनका हिंदुस्तान थोड़े है।” एक ने लिखा “जिनका खून शामिल है इस मिट्टी में वो अपने हिस्से की मिट्टी ले चुके है 1946 में और साथ मे पैसे भी ले चुके है। जिस मिट्टी पर आप अभी खड़े हो वो हिंदुओ के बाप का हिंदुस्तान है मुसलमानों का पाकिस्तान थोड़े ही है। बेहतर है हकीकत को पहचानो और आइडियोलॉजी और स्ट्रैटजी में सुधार करो।”

बता दें राहत इंदौरी के दोनों फेफड़ों में 60 प्रतिशत तक निमोनिया हुआ था। इसलिए उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था। उन्हें उच्च स्तर की एंटीबायोटिक एवं नवीनतम एंटीवायरल दवाएं भी दी गई थीं। अस्पताल प्रशासन ने बयान में बताया कि इंदौरी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के साथ हृदय एवं किडनी के पुराने रोगों से पहले ही जूझ रहे थे। वह सोमवार शाम आई रिपोर्ट में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

उनकी मौत पर फिल्म निर्देशक और शायर गुलजा ने कहा, ‘वो तो मुशायरों का लुटेरा था। जो दुनिया से विदा ले, उर्दू मुशायरों को खाली छोड़ गया। उसकी जगह को कोई नहीं भर सकता। राहत अपनी तरह का इकलौता शायर था। मंच पर खड़ा होता तो पूरी महफिल लूट लेता। हर उम्र और वक्त के सुनने वालों का चहेता था राहत। लोग उसका इंतजार करते थे, यूं तो मुशायरों में मोहब्बत की बातें ज्यादा होती हैं लेकिन राहत ने हर मुकाम पर कलाम पढ़ा और लोगों ने उसे दिल में जगह दी।’

कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा “हे ईश्वर ! बेहद दुखद ! इतनी बेबाक़ ज़िंदगी और ऐसा तरंगित शब्द-सागर इतनी ख़ामोशी से विदा होगा,कभी नहीं सोचा था ! शायरी के मेरे सफ़र और काव्य-जीवन के ठहाकेदार क़िस्सों का एक बेहद ज़िंदादिल हमसफ़र हाथ छुड़ा कर चला गया।”

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इंदौरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “मक़बूल शायर राहत इंदौरी जी के गुज़र जाने की खबर से मुझे काफ़ी दुख हुआ है। उर्दू अदब की वे क़द्दावर शख़्सियत थे। अपनी यादगार शायरी से उन्होंने एक अमिट छाप लोगों के दिलों पर छोड़ी है। आज साहित्य जगत को बड़ा नुक़सान हुआ है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।”