Asaduddin Owaisi Waqf Bill: केंद्र सरकार ने संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन वक्फ संशोधन बिल को संसद में पेश कर दिया है। लेकिन इसे लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ और विपक्षी सांसदों ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। बताना होगा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार हंगामा चल रहा है।

इस बिल को लेकर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और सपा सांसद हकरा हसन ने भी जोरदार विरोध दर्ज कराया है।

संसद परिसर के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा, ‘यह बिल न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि संविधान के आर्टिकल 14, 15 और 29 का उल्लंघन करता है। यह वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि इसे बर्बाद करने और मुसलमानों से छीनने के लिए लाया जा रहा है।’ ओवैसी ने कहा कि इसमें जो संशोधन की बात कही जा रही है, वह और खराब है।

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ओवैसी ने सवाल उठाया कि वक्फ मुस्लिम प्रॉपर्टी में नॉन मुस्लिम सदस्यों को कैसे रखा जाएगा? कैसे कलेक्टर फैसला करेगा कि कोई प्रॉपर्टी वक्फ है या नहीं? ओवैसी ने कहा कि एनडीए की सरकार मुसलमानों को अपनी इबादत से महरूम करने के लिए यह बिल ला रही है और हम इसका जोरदार विरोध करते हैं। ओवैसी ने कहा कि स्पीकर ने आश्वासन दिया है कि 70% सांसदों की असहमति रिपोर्ट के संशोधित संस्करण को इसमें शामिल किया जाएगा।

अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है बिल: इकरा हसन

सपा सांसद इकरा हसन ने ANI से कहा, ‘इकरा हसन ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट पेश कर दी गई है और हमें कमेटी के सदस्यों से जानकारी मिली है कि कमेटी की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई थी।’

इकरा हसन ने कहा, ‘हम इस बिल के खिलाफ हैं। यह असंवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है। जेपीसी सदस्यों के कई असहमति वाले नोट संपादित किए गए हैं और रिपोर्ट में डाल दिए गए हैं। उनकी चिंताओं को शामिल नहीं किया गया है।’ इकरा ने कहा कि जेपीसी जिस मकसद के लिए बनाई गई थी, वह उसे पूरा नहीं करती है और पूरा विपक्ष इसका विरोध करेगा।

इकरा हसन ने कहा, ‘वक्फ बोर्ड एक अल्पसंख्यक संस्था है, अलग-अलग धर्म की अलग-अलग संस्थाएं हैं। वे पूरी तरह स्वतंत्र हैं और अपने हिसाब से चलती हैं लेकिन सिर्फ वक्फ बोर्ड के मामले में टांग अड़ाकर उसके हक को छीना जा रहा है।’

वक्फ संशोधन बिल के मामले में बनाई गई समिति में कुल 31 सदस्य हैं, इसमें से 13 सदस्य विपक्षी दलों के हैं। समिति ने देश भर में 34 बैठकें की और देश भर में लोगों से राय ली थी। विपक्षी दलों के साथ ही देश भर में कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस विधेयक का खुलकर विरोध किया था। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।

वक्फ संशोधन बिल के मामले में बनाई गई समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा था कि लोगों ने बिल के बारे में अफवाहें फैलाईं लेकिन आम मुसलमान जानता है कि यह संशोधन बिल उन्हें उनके किसी भी धार्मिक अधिकार से वंचित नहीं करेगा।

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