Independence Day 2021: 1947 में भारत जब आजाद हुआ था तो उस वक्त ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली थे। एटली, साइमन कमिशन के सदस्य के तौर पर 1927-28 में पहली बार भारत आए थे। उस वक्त वह सांसद थे। वह शुरु से ही भारत की आजादी के पक्ष में थे। 1945 में एटली ने उस वक्त के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल को हराया था और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे। इसी के साथ भारत के लिए आजादी के रास्ते खुल गए थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद क्लेमेंट एटली ने ‘इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए थे। आजादी में उनकी इस भूमिका के कारण ही उनके पोते जॉन रिचर्ड एटली भारत से खास लगाव रखते हैं।
जॉन रिचर्ड एटली, ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सांसद हैं। वह कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उनके परिवार का नाम भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की आजादी के साथ जुड़ा है। समाचार पत्र दैनिक भास्कर में छपे एक लेख के अनुसार वह बताते हैं कि उनके दादा बेहद सरल स्वभाव के थे। अपने दादा जी के व्यवहार को देखते हुए उन्हें बचपन में लगता था कि सबके दादा जी प्रधानमंत्री होते होंगे। एटली के अनुसार, जब मैं बड़ा हुआ तो जानकर हैरान रह गया कि मेरे दादा ब्रिटेन के सबसे सफल प्रधानमंत्री हैं।
जॉन एटली का कहना है कि मुझे इस बात की खुशी है कि इतिहास में कड़वाहट होने के बावजूद आज भी दोनों देशों के लोगों और सरकारों के बीच मधुर संबंध हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत और ब्रिटेन में रक्षा संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
जॉन के मुताबिक, वह थोड़े से निराश हैं कि भारत आज उस मुकाम पर नहीं है जहां उसे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम 2008 में हम इस बात को लेकर काफी हद तक सहमत थे कि भारत, अमेरिका से आगे निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि हम इस बात की चर्चा किया करते थे कि चीन या भारत में से कोई एक देश अमेरिका को पछाड़ देगा।
वह मानते हैं कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था ही उसकी खूबसूरती है। यही उसे चीन से अलग और बेहतर बनाती है। बकौल जॉन, चीन के नेता ताकतवर हैं लेकिन उनका एक गलत फैसला उनकी व्यवस्था के लिए घातक साबित हो सकता है क्योंकि वहां लोकतंत्र नहीं है।
20 फऱवरी 1947 को क्लीमेंट एटली ने भारत को आजादी देने का ऐलान किया था। इसी के 6 महीनों के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा था कि 30 जून 1948 से पहले भारत को आजाद कर दिया जाएगा लेकिन 3 जून को यह तारीख आगे बढ़ाकर 15 अगस्त कर दी गई।