बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुए हमले के खिलाफ छात्रों को समर्थन देने पहुंची। दीपिका सीपीआई नेता और पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ लेफ्ट के छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुईं। इस दौरान कन्हैया ने भाषण दिया लेकिन दीपिका पास में चुप होकर खड़ी थीं।

बीजेपी नेता तजिंदर पास सिंह बग्गा ने दीपिका के जेएनयू पहुंच छात्रों का समर्थन करने पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि दीपिका का फिल्मों का बहिष्कार किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने टटुकड़े-टुकड़े’ गैंग और अफजल गैंग का समर्थन किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट के जरिए यह बात कही।

वहीं मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक इंदू तिवारी ने भी दीपिका के जेएनयू के छात्रों का समर्थन करने की आलोचन की है। उन्होंने कहा कि ‘दीपिका मेरी प्रिय अभिनेत्री थीं। लेकिन अपनी फिल्म के लिए ऐसा हथकंडा अपनाकर उन्होंने साबित कर दिया कि उन्हें अपनी काबिलियत पर भरोसा नहीं।’

जेएनयू में हुए हमले के खिलाफ बॉलीवुड सेलेब्स लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं। इससे पहले तापसी पन्नू, गौहर खान, विशाल भारद्वाज, रेखा भारद्वाज, रिचा चड्ढा, अनुराग कश्यप और अनुराग बसु सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करवा चुके हैं।

मालूम हो कि रविवार को कुछ नकाबपोशों ने कैंपस में घुसकर छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष पर हमला कर दिया था। इस हमले में उनके सिर पर चोटें आई। आईशी बीते दो महीने से हॉस्टल फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। रविवार को भी उनका विरोध जारी था तभी उनपर हमला हो गया। इस घटना के बाद आइशी के पिता ने बेटी को फाइटर करार दिया है तो वहीं मां ने कहा है कि उन्हें आइशी पर गर्व है। हमले के बाद सोमवार को अस्पताल से इलाज करवाकर आइशी ने कैंपस में वापसी की है जिसके बाद वह सभी की नजरों में एक नायिका की तरह उभरी हैं।

आइशी की मां शर्मिष्ठा ने कहा है कि मैं अपनी बेटी पर गर्व महसूस करती हूं। वाइस चांसलर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। कैंपस में इतने बड़े हमले के बाद वीसी का कहीं अता-पता नहीं था। उन्होंने कैंपस में बाहर से लोगों को बुलाया (हमले के लिए)।’ आइशी के पिता देवाशीष घोष ने कहा कि मैं अपनी बेटी के लिए बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं। वह एक फाइटर है। वह जिस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रही हैं वह बिल्कुल सही है। मेरी बेटी गुंडों के हमले से पीछे नहीं हटने वाली।’