जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA) द्वारा टेलीफोन डायरेक्ट्री को अपडेट करने के लिए भरे जाने वाले प्रोफार्मा को लेकर आपत्ति जताए जाने के कुछ दिनों बाद, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे संशोधित प्रारूप में जारी किया है। 20 मार्च को जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने डिप्टी रजिस्ट्रार (प्रशासन) को पत्र लिखकर डायरेक्ट्री के लिए जानकारी मांगने वाले एक कम्युनिकेशन पर अपनी निराशा जाहिर की।

इसमें कहा गया, “उन्होंने भेजे गए प्रोफार्मा में महिला संकाय की महिलाओं को जेंडर और मैरिटल स्टेटस बताने के लिए कहा, जबकि पुरुष संकाय को उनके प्रोफेशनल स्टेटस से संदर्भित किया जाता है।” इसमें उदाहरण का जिक्र किया गया ‘Prof’. प्रोफार्मा पर आपत्ति जताते हुए टीचर्स एसोसिएशन ने आगे कहा गया, “जेएनयूटीए आपके द्वारा इस जानकारी की मांग को ‘सेक्सिस्ट’ और ‘भेदभावपूर्ण’ पाया है। खासतौर पर ऐसा इसलिए लगता है कि किसी भी पुरुष को अपना मैरिटल स्टेटस बताने आवश्यकता नहीं है।”

टीचर्स एसोसिएशन ने आगे कहा कि इसके अलावा, इन सूचनाओं में से किसी का भी डायरेक्ट्री के विचार के साथ कोई उचित संबंध नहीं है। अपनी आपत्ति जताते हुए जेएनयूटीए ने डिप्टी रजिस्ट्रार से प्रोफार्मा को संशोधित किया जाने की मांग की थी। पहले के प्रोफार्मा में कॉलम के तहत ‘प्रोफेसर, मिस या मिसेज’ के विकल्प थे। हालांकि, जेएनयूटीए के पत्र के बाद, संसोधित प्रोफार्मा जारी किया है, जिसमे उक्त कॉलम हटा दिए गए हैं।

विवाद बढ़ने पर संशोधित प्रोफार्मा जारी किया गया

22 मार्च को एक बयान में, जेएनयूटीए ने कहा था, “जेएनयूटीए के डिप्टी रजिस्ट्रार को पत्र के अनुसार, जेएनयू टेलीफोन डायरेक्ट्री के लिए व्यक्तिगत जानकारी के संबंध में प्रोफार्मा में संशोधन का अनुरोध करने के लिए लिखा गया था, जानकारी देने के लिए प्रोफार्मा को संशोधित कर दिया गया है।”

टीचर्स एसोसिएशन ने त्वरित जवाब के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन का आभार भी जताया। हाल ही में एक नई टीम ने जेएनयूटीए की कमान संभाली है। नई टीम के तहत पहली आम बैठक 1 अप्रैल को होनी है।