जेएनयू हिंसा के विरोध में बीते दिन मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर लोगों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। रविवार शाम से जुटे प्रदर्शनकारियों को आज मुंबई के आजाद मैदान शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन रविवार रात और सोमवार को ताज होटल के सामने स्थित गेटवे ऑफ इंडिया युवा जोश, नारों और गीतों से गुलजार रहा। प्रदर्शन के दौरान दक्षिण मुंबई के स्थानीय लोगों ने प्रदर्शनकारियों की खासी मदद की। लोगों ने प्रदर्शनकारियों को खाना, पानी, सनस्क्रीन, कंबल और दवाईयों समेत कई चीजें मुहैया करायीं।
एक एडवरटाईजिंग एजेंसी में एक्जीक्यूटिव सिमरन चोपड़ा ने बताया कि ‘मेरे दोस्त रविवार रात से यहां प्रदर्शन कर रहे थे। मैंने उन्हें सुबह के वक्त ज्वाइन किया। मैंने देखा कि वह भूखे और प्यासे बैठे हुए हैं।’ इसके बाद सिमरन ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों के लिए पानी की बोतलें और बिस्कुट का इंतजाम किया।
प्रदर्शनकारियों में शामिल कोलाबा निवासी फ्लेविया लुईस ने बताया कि वह रविवार रात से ही गेटवे ऑफ इंडिया पर रुककर प्रदर्शनकारियों की मदद कर रही हैं और इस बात का ध्यान रख रही है कि उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है। अन्य प्रदर्शनकारी बिलाल खान ने बताया कि ‘कई लोग उन्हें फोन कर रहे हैं और मदद की पेशकश कर रहे हैं। चारों तरफ से हमें मदद मिल रही है।’
प्रदर्शन वाली जगह पर जूस और पानी की बोतलों के कार्टून रखे हुए थे और स्थिति ये थी कि लोगों को मना करना पड़ा कि वह कुछ और चीजें ना लेकर आएं। इसके साथ ही स्थानीय होटलों से प्रदर्शनकारियों को थोड़ी-थोड़ी देर में चाय और बन मस्का और वड़ा पाव आता रहा। कुछ लोगों द्वारा केक और फलों और जूस के कार्टून भी भेजे गए।
प्रदर्शनकारी इम्तियाज सिद्दीकी ने बताया कि हमें नहीं पता कि कौन खाना भेज रहा है? लोग चाहते भी नहीं हैं कि उनका नाम सामने आए, लेकिन खाने की सप्लाई लगातार आ रही है। किसी ने 500 सेंडविच भेजे तो किसी ने सेब, संतरे और केले। कुछ लोग मेडिसिन, पोर्टेबल चार्जेज, सैनिटरी नैपकिन्स, माउथवॉश, बिस्किट आदि लेकर आए। इसके साथ ही स्थानीय दुकानों और होटल्स ने प्रदर्शनकारियों के इस्तेमाल के लिए अपने वॉशरूम की इजाजत भी दे दी थी।