जम्मू-कश्मीर में सेना के कैंप में तैनात एक जवान आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने की खबरे आ रही हैं। कुछ दिन पहले 173 टैरिटोरियल आर्मी का जवान जहूर अहमद उत्तरी कश्मीर के बारामुल्ला जिले से गायब हो गया था। जिसके बाद से पुलिस को उसके हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने का शक था। जहूर अहमद कथित तौर पर गुंटमुल्ला स्थित सेना कैंप से एक-47 राइफल के साथ लापता हो गया था। जवान राज्य के उत्तरी कश्मीर के पुलवामा जिले से ताल्लुक रखता है। उसके तलाश में सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया है। रेडिफ की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन हिजबुल ने उसके संगठन ज्वाइन कर लेने का दावा किया है। ई-मेल से भेजे गए संदेश में हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने कहा कि अन्य पुलिसकर्मी और अधिकारी भी इसका पालन करेंगे।

आतंकी सरगना ने दिए अपने बयान में कहा, “पहले भी कई सारे पुलिसकर्मी और अधिकारी आतंकी संगठन को ज्वाइन करके और अपनी कीमती जिंदगी का बलिदान कर चुके हैं। उम्मीद करते हैं कि जहूर अहमद भी इसे साबित करेंगे।” बता दें पुलिस जवानों और सैन्यकर्मियों के आंतकी संगठन से जुड़ जाने के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। पिछले कुछ समय में कश्मीर के युवाओं के आतंकी बनने वाले मामले भी बढ़े हैं। यह केंद्र और राज्य सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय है। हाल ही में आई जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिज्बुल मुजाहिदीन ने 40 कश्मीरी युवाओं को अपने संगठन में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन बुरहान वानी की बरसी मनाने की योजना बना रहा है, जो कि पिछले साल 8 जुलाई को अनंतनाग जिले में दो अन्य आतंकियों के साथ मार गिराया गया था। सुरक्षाबलों को एक जगह पर आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद उन्होंने अभियान चला कर हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया गया था। जिसके बाद कश्मीर में हिंसा और तनाव शुरू हो गया था। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरकर पुलिस और सेना के जवानों को निशाना बनाया था। इसमें सेना के कई जवान घायल हो गए थे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की मिली रिपोर्ट के मुताबिक हिज्बुल पिछले साल आठ जुलाई को मारे गए आतंकी बुरहान वानी की पहली बरसी जोर-शोर से मनाकर कश्मीरी युवाओं को अपनी ओर खींचने में जुटा है। बुरहान के नाम पर उसने सोशल मीडिया में कई झूठे कैंपेन चला रखे हैं।