जम्मू और कश्मीर पुलिस ने शनिवार को श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल की तलाशी ली। प्रशासन की तरफ से यहां मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं को नजरबंद किया गया है। पुलिस ने दावा किया कि यहां से नेताओं के पास से 11 सेलफोन बरामद किए गए।
इससे पहले नजरबंद किए गए राजनेताओं ने आरोप लगाया था कि उनसे मिलने आने वाले परिवार के सदस्यों का कथित रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में एक ट्वीट किया गया। महबूबा के ट्विटर हैंडल को उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती देख रही हैं।
शनिवार को इस ट्विटर हैंडल से ट्वीट में लिखा गया कि शनिवार को एक नजरबंद किए गए राजनेता के तीन साल के बच्चे की तलाशी के दौरान करीब-करीब उसके कपड़े उतार दिए गए। इसके बाद वहां नजरबंद किए गए राजनेताओं और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच कहासुनी हो गई। कश्मीर के एसएसपी (सिक्योरिटी) इम्तियाज हुसैन ने इन आरोपों को खारिज किया साथ ही उन्होंने इस मामले में किसी भी तरह की चर्चा करने से इनकार कर दिया।
वहीं, एडीजीपी (सिक्योरिटी और कानून-व्यवस्था) मुनीर खान ने भी मुफ्ती के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि एमएलए हॉस्टल में 11 सेलफोन चोरी-छिपे ले जाए गए थे। खान ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि महबूबा मुफ्ती जो भी कह रही हैं वह गलत है।
खान ने कहा कि हमें वहां 11 सेलफोन मिले है जो गैरकानूनी ढंग से वहां ले जाए गए थे। इस मामले में जांच की जा रही है। एडीजीपी ने कहा कि नजरबंद किए गए राजनेताओं ने पहले कहा था कि यहां की तलाशी नहीं होनी चाहिए जिससे कि उनको सेलफोन पहुंचाया जा सके। हम किसी को भी बिना तलाशी के अंदर नहीं जाने दे सकते हैं। आप यह कैसे जान सकते हैं कि अंदर क्या हो रहा है।
मालूम हो कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही प्रशासन की तरफ कई राजनेताओं को नजरबंद किया गया था। कुछ दिनों पहले ही इन राजनेताओं को एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट किया गया था।