झारखंड के सिंहभूमि में 14 फरवरी को हुए मुठभेड़ में घायल एक नक्सली महिला को सीआरपीएफ के तीन जवानों ने खून देकर उसकी जान बचाई। एसपी चंदन कुमार झा ने बताया कि पुलिस को 24 नक्सलियों के एक जगह जुटने की सूचना मिली थी। खबर थी कि नक्सली किसी साजिश को अंजाम देने वाले हैं। इसके बाद सीआरपीएफ के 174 जवान और जिले की 60 पुलिसकर्मियों की टीम ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीष रमन के नेतृत्व में नक्सलियों को घेर लिया। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी।
इस दौरान दोनों तरफ से काफी देर तक गोलीबारी चली। हालांकि, इस मुठभेड़ के दौरान नक्सली फरार होने में कामयाब हो गए। लेकिन, इस दौरान सर्च ऑपरेशन में पुलिस को खून से लथपथ एक नक्सली महिला मिली। पुलिस के मुताबिक नक्सली महिला के बाएं पैर में गोली लगी थी। उसे सोनुआ में प्राथमिक उपचार के बाद चाईबासा भेज दिया गया। इसके बाद उसे बेहतर उपचार के लिए एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान घायल नक्सली महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए एएसआई पंकज शर्मा, हेड कॉन्सटेबल बिचित्र कुमार स्वैन और कॉन्सटेबल बीरबहादुर यादव ने अपना खून देकर उसकी जान बचाई। सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने जंगल में स्थित नक्सली कैंप को तबाह कर दिया और मौके पर मौजूद तमाम विस्फोटकों को नष्ट भी कर दिया। इस दौरान पुलिस ने अलग-अलग बोर की 57 राउंड गोलियां भी बरामद कीं। इनमें से 30 घायल नक्सली महिला के पास से बरामद हुई हैं। इस दौरान घायल महिला ने बताया कि उसे मिलाकर करीब 25 नक्सली एक बैठक कर रहे थे। लेकिन, मुठभेड़ के दौरान जैसे ही वह घायल हुई साथी नक्सलियों ने उसका राइफल लेकर फरार हो गए।