Jharkhand Niger Abduction: झारखंड के पांच लोगों का भारत से कोसों दूर एक अफ्रीकी देश नाइजर में हथियारबंद बदमाशों ने अपहरण कर लिया। अपहरण की यह घटना 25 अप्रैल को टिल्लाबेरी क्षेत्र में हुई थी। यह सभी लोग झारखंड के गिरिडीह जिले के रहने वाले हैं और Kalpataru Projects International Limited के साथ काम कर रहे थे।
जिन लोगों का अपहरण हुआ है उनके नाम चंद्रिका महतो, संजय महतो, राजू महतो, फलजीत महतो और उत्तम महतो हैं। नाइजर के ही रहने वाले एडम का भी हथियारबंद बदमाशों ने अपहरण कर लिया।
झारखंड के डोंडलो गांव के 35 साल के मोजीलाल महतो भी नाइजर में हैं। वे बताते हैं कि यह घटना दिनदहाड़े उस वक्त हुई जब वे लोग खाना खाकर काम पर जाने वाले थे लेकिन तभी उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी। बदमाशों के चंगुल में फंसे संजय महतो मोजीलाल महतो के बहनोई हैं।
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मोजीलाल महतो Kalpataru कंपनी के कैंप में हैं और घर वापस आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने The Indian Express को बातचीत में बताया कि उन लोगों ने कंपनी की बस में छुपकर भागने की कोशिश की लेकिन बस रेत में फंस गई और इस दौरान 70 से 80 मोटरसाइकिल पर सवार लोगों ने उनका पीछा किया। महतो बताते हैं कि उन सभी के पास बंदूकें थीं।
डेढ़ घंटे तक चली गोलियां
मोजीलाल ने बताया कि इस दौरान डेढ़ घंटे तक गोलियां चली। वह सीवेज लाइन में छिपकर बच गए लेकिन संजय, राजू, फलजीत, चंद्रिका, उत्तम और एडम को बंदूकधारियों ने पकड़ लिया। मोजीलाल और अन्य कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने अपना सामान पैक कर लिया है और वे यहां से जाने के लिए तैयार हैं। वे बताते हैं कि वे लोग बुरी तरह डरे हुए हैं।
इन लोगों का अपहरण किसने किया, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय को मामले की जानकारी है और नाइजर में भारतीय मिशन इस मामले को देख रहा है।
बताना होगा कि नाइजर, माली और बुर्किना फासो अपने देश में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े जिहादी गुटों से लड़ रहे हैं। नाइजर में स्थित भारतीय दूतावास का कहना है कि इस मुल्क में 125 भारतीय कामकाज कर रहे हैं।
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पापा से बात करना चाहते हैं बच्चे
अपहरण की घटना का पता चलने के बाद से ही गिरिडीह जिले में इन परिवारों के लोग बेहद परेशान हैं। डोंडलो गांव में रहने वाली संजय की पत्नी सोनी देवी कहती हैं कि एक हफ्ते पहले पति से बात हुई थी। वह बताती हैं कि बच्चे पापा से बात करना चाहते हैं लेकिन वे उन्हें समझाती हैं कि उनके पिता जल्दी आ जाएंगे।
इसी गांव में रहने वाले राजू के परिवार के मुताबिक, राजू और संजय नाइजर जाने से पहले मलेशिया और ओमान भी जा चुके थे। इन लोगों के परिवारों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में दखल देने की मांग की। मुख्यमंत्री सोरेन ने इसे लेकर विदेश मंत्रालय से अपील की है।
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Kalpataru Projects International Limited के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पी. जगमोहन कहते हैं कि नाइजर में कंपनी के पिछले तीन सालों के कामकाज में ऐसा कभी नहीं हुआ। झारखंड के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष (SMCR) की प्रमुख शिखा लाकड़ा ने बताया कि वे कंपनी के संपर्क में हैं।