राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की एक सभा में कार्यर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई। हालांकि, जब हंगामा हो रहा था, तब तक संघ प्रमुख मौके से जा चुके थे। रविवार को क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए संघ प्रमुख झारखंड के धनबाद पहुंचे हुए थे। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुबर दास भी थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद दोनों लोग जैसे ही मौके से रवाना हुए कार्यकर्ता किसी बात को लेकर आपस में ही भिड़ गए। इस दौरान जमकर लात-घूसे चले चले और गालियां बकी गईं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भागवत को जिस गाड़ी से लाया गया था, उसी के ड्राइवर से दूसरे कार्यकर्ता की किसी बात को लेकर कहा-सुनी हो गयी। इस दौरान बात इतनी बढ़ी की मारपीट की नौबत आ गई। मारपीट का कारण अभी साफ नहीं हो पाया है। मारपीट में लोग एक दूसरे पर गाली देने का आरोप लगा रहे हैं।
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हालांकि, इस बवाल से पहले कार्यक्रम में शांति से निपट गया था और भागवत तथा मुख्यमंत्री मौके से रवाना हो गए थे। इससे पहले कार्यक्रम में मोहन भागवत ने शिक्षा को धर्म के साथ जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने धर्म और शिक्षा को एक दूसरे के पूरक बताया। उन्होंने कहा कि समाज के लिए हासिल की गई शिक्षा से धर्म को समझना आसान हो जाता है। संघ प्रमुख ने शिक्षा व्यापार बनने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यापार 3 हजार अरब डॉलर का हो गया। लेकिन, शिक्षा का उद्देश्य दीपक की तरह होना चाहिए। जिसमें खुद उन्नति के साथ-साथ दूसरो की भी उन्नति की सोच शामिल हो।
गौरतलब है कि भागवत के कार्यक्रम में बवाल भी एक चिंता का विषय है। क्योंकि, कुछ ही दिनों पहले सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी जान का खतरा बताया था। एजेंसियों ने आरएसएस चीफ की सिक्यॉरिटी को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडो में अपग्रेड करने की सिफारिश भी की है। हालांकि उन्हें अभी भी जेड प्लस सुरक्षा कवर हासिल है।