सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस्लाम पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए झारखंड की ऋचा पटेल को कोर्ट ने अजीबो-गरीब फैसले सुनाते हुए पांच कुरान बांटने का आदेश दिया है। ये फैसला झारखंड के रांची स्थित एक स्थानीय अदालत ने सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है। इस पर अब विश्व हिंदू परिषद् की नेता साध्वी प्राची ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि देश में अब देशविरोधी तत्व सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने फैसले को सीरिया में दिया जाने वाले जैसा फतवा करार दिया।

उन्होंने कहा ‘कोर्ट को ऋचा पटेल को कुरान नहीं बल्कि वेद बांटने के लिए कहना चाहिए था। अगर कोर्ट उन्हें कुरान बांटने के लिए कह सकता है तो मंदिर तोड़ने वालों को कांवड़ लाने का फैसला भी सुनाया जाना चाहिए। ये किसी जज का फैसला प्रतीत नहीं होता बल्कि ऐसा लगता है जैसे किसी सीरिया का फतवा हो।’

बता दें कि सिविल कोर्ट मजिस्ट्रेट मनीष सिंह ने ऋचा को अंजुम इस्लामिया कमेटी और चार अन्य स्कूल-कॉलेज में कुरान की प्रतियां दान करने को कहा था। वहीं ऋचा पटेल कोर्ट के फैसले का लगातार विरोध कर रही हैं। उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना उनके तर्क को सुनें और समझे ही यह फैसला सुना दिया गया। ऋचा ने कहा कि उन्हें कुरान से कोई समस्या नहीं जैसे वेद है वैसे ही कुरान है। लेकिन मेरी बातों और तर्कों को दरकिनार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा है कि ‘मुझे एक साधारण सी फेसबुक पोस्ट के चलते मस्जिद जाकर कुरान देनी पड़ेगी। मेरे भगवान के बारे में कुछ लिखने में कुछ भी गलत नहीं है।मैंने कोई पोस्ट नहीं लिखी। मैंने सिर्फ कहीं से मिली हुई पोस्ट को कट और पेस्ट करके शेयर कर दिया। दूसरे समुदाय के लोग भी ऐसा लिखते हैं लेकिन उन्हें कभी हनुमान चालीसा बांटने के लिए नहीं कहा गया। यह सही नहीं है।’ वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी और दक्षिणपंथी नेता लगातार ऋचा का समर्थन कर रहे हैं। उनके घर पर नेताओं का जमावड़ा लग गया है। वहीं प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करवाई है।