Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में शनिवार (30 नवंबर) को पहले चरण में 13 विधान सभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस लिया है हालांकि, सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खुद की सीट पर ही जद्दोजहद करते दिख रहे हैं। दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने साफ कहा कि अपनी सीट पर वोटिंग के बाद ही वो दूसरी सीट पर जाकर चुनाव प्रचार करेंगे। उरांव ने ये भी कहा कि वो चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं थे लेकिन पार्टी ने उन्हें मैदान में उतार दिया। 1972 बैच का ईपीएस अफसर रह चुके रामेश्वर उरांव लोहरदगा से चुनाव लड़़ रहे हैं। वो पहले भी यहां से विधायक और सांसद रह चुके हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ भी अपनी सीट पर संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वो अपनी सीट के साथ-साथ सिंहभूम की पांचों सीट पर भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी सीट पर भी ध्यान देना जरूरी है। गिलुआ चक्रधरपुर से उम्मीदवार हैं। जब उनसे सरयू राय की बगावत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ना राजनीति में सामान्य सी बात है।
पहले चरण में झारखंड की जिन 13 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें से 9 सीटों पर बीजेपी को 50,000 से ज्यादा वोटों का विनिंग मार्जिन मिला था। इसलिए इस चरण में पार्टी को बड़ी जीत की उम्मीद है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 13 में से 6 सीट पर 40,000 से ज्यादा वोटों का विनिंग मार्जिन मिला था। इसलिए बीजेपी को उम्मीद है कि अगर चुनावी पैटर्न दोहराया गया तो अच्छी खबर मिल सकती है।
हालांकि, गुरूवार को चतरा और गढ़वा में बीजेपी अध्यक्ष की रैली में कम भीड़ और सरयू राय जैसे दिग्गज नेता के बगावत के बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। एक हफ्ते पहले भी जब अमित शाह ने लोहरदगा और लातेहार में चुनावी रैलियां की थीं, तब वहां भी 10 से 15,000 लोगों की ही भीड़ जुटी थी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष ने इस पर नाराजगी जाहिर की है।
राज्य की 81 विधान सभा सीटों पर बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस जेएमएम और राजद के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। गठबंधन के तहत जेएमएम 43, कांग्रेस 31 और राजद ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारा है।