आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के लिए एयर इंडिया ने मदद का हाथ बढ़ाया है। एयर इंडिया ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वह विदेश में फंसे यात्रियों को विशेष किराए का ऑफर दे रही है। जेट एयरवेज ने 400 करोड़ का इमरजेंसी फंड नहीं मिलने के बाद बुधवार से अपने सभी ऑपरेशंस अस्थाई तौर पर रोक दी है। जेट एयरवेज ने बैंकों द्वारा अतिरिक्त कर्ज का अनुरोध ठुकराने के बाद ये फैसला किया है। एयर इंडिया ने ट्वीट में कहा ‘सद्भावना के तौर पर हम जेट एयरवेज के पैसेंजर के लिए स्पेशल किराए का ऑफर दे रहे हैं। जिन यात्रियों के पास जेट एयरवेज की वापसी की कंफर्म टिकट होगी वह एयर इंडिया के ‘फंसे हुए यात्रियों के विशेष किराए ऑफर’ का लाभ उठा सकेंगे।’

इसके साथ ही एयर इंडिया ने जेट के पांच बोइंग 777 एयरक्राफ्ट को लीज पर लेकर उनके परिचालन में इच्छा व्यक्त की है। लेकिन एयर इंडिया ने जेट एयरवेज की मुंबई-लंदन, दिल्ली-लंदन, मुंबई-दुबई, दिल्ली-दुबई और दिल्ली-सिंगापुर पर जेट के विमनों के फिर से इन रूट पर परिचालन की इच्छा जाहिर की है। बता दें कि अमृतसर-मुंबई रूट पर जेट एयरवेज ने अपनी आखिरी उड़ान का परिचालन किया था। जेट की तबाही से सैंकड़ों परिवार बिखरने के कगार पर हैं। मुश्किल में फंसे विमानन कंपनी के कर्मचारी इसी का विरोध करने गुरुवार को जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए। करीब ढाई दशक पुरानी इस एयरलाइन कंपनी पर 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। कंपनी के बंद होने से करीब 20 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी। जबकि इससे इतने ही परिवार प्रभावित होंगे।

कंपनी के संकट पर एयरवेज की तरफ से कहा गया कि हमने फंड के लिए हर संभव कोशिश की थी पर कोई हल नहीं निकल सका। कंपनी पिछले कुछ महीनों से कैश संकट का सामना कर रही है। इस वजह से कर्मचारियों को चार महीने से तनख्वाह भी नहीं दी गई। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही कंपनी के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दिया था। गोयल ने चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया था। मालूम हो कि नरेश गोयल ने 1992 में जेट एयरवेज की शुरुआत की थी।