दिल्ली उच्च न्यायालय ने जदयू के बागी नेता अली अनवर को राज्यसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने पर अंतरिम रोक लगाने से आज इनकार कर दिया लेकिन उन्हें वेतन, भत्ते लेने और बंगले में बने रहने की मंजूरी दे दी। अदालत ने उन्हें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने से भी रोक दिया। शुक्रवार को सत्र का समापन हो जाएगा। न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने कहा, ‘‘इस आदेश (राज्यसभा के सभापति के) पर इस समय रोक नहीं लगायी जा सकती’’ और साफ किया कि अनवर की मुख्य याचिका के निपटान तक अंतरिम निर्देश बने रहेंगे।
न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि अंतरिम अवधि में सदन की सदस्यता से जुड़ी सभी पूर्वापेक्षाएं एवं विशेषाधिकार बने रहेंगे। अदालत ने चार दिसंबर, 2017 को सभापति द्वारा अनवर और जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को सदस्यों के तौर पर अयोग्य करार देने के सभापति के आदेश को चुनौती देने वाली अनवर की याचिका पर संसद के ऊपरी सदन में जदयू के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह के अलावा राज्यसभा के सभापति को नोटिस भी भेजे।
अदालत ने राज्यसभा के सभापति और सिंह से जवाबी हलफनामे देने को कहा और मामले में अगली सुनवाई आगामी एक मार्च को तय कर दी। बता दें कि बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद शरद यादव और अली अनवर ने जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की थी और पार्टी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया था। इसके बाद जदयू ने सभापति को पत्र लिखकर सदन में पार्टी का नेता पद से शरद यादव को हटाने की मांग की थी। बाद में पार्टी ने अली अनवर और शरद यादव की सदस्यता खत्म करने का भी आवेदन दिया था जिसे सभापति ने मंजूर करते हुए इन दोनों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।