जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडी(एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि कर्नाटक में उन्होंने अपने गठबंधन के साथी कांग्रेस के लिए गुलाम की तरह काम किया। लेकिन उनके काम की सराहना किसी ने भी नहीं की। यहां सबसे पहले आपको बता दें कि कर्नाटक में कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के गठबंधन वाली सरकार इसी साल 23 जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई और सरकार गिर गई थी।
सरकार को विश्वास मत प्राप्त करने की जरुरत इसलिए पड़ी थी क्योंकि 16 विधायकों ने बगावत कर अपना इस्तीफा दे दिया था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राज्य में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी।
कुर्सी जाने के बाद अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने न्यूजी एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए कहा है कि ‘मैंने सभी विधायकों को पूरी आजादी दी थी…मैं 14 महीने तक इन सभी विधायकों और गठबंधन के साथी (कांग्रेस) के लिए गुलाम की तरह काम करता रहा…फिर आखिर वो लोग मुझपर क्यों दोष मढ़ रहे हैं? मैं नहीं जानता।’
गठबंधन की सरकार गिरने के बाद कुमारस्वामी ने यह भी बताया है कि आखिर उनके दिल में दुख किस बात का है? पूर्व सीएम ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री कार्यालय छोड़ने के बाद अब मैं काफी खुश हूं…14 महीने तक मैंने राज्य के विकास के लिए काम किया है। मुझे थोड़ा दुख सिर्फ इस बात का है कि किसी ने भी मेरे काम की सराहना नहीं की।’
कुमारस्वामी ने यह भी कहा है कि कई सारे कांग्रेसी नेता राज्य में गठबंधन की सरकार नहीं बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि ‘राज्य में चुनाव बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व दिल से चाहता था कि वो जेडी(एस) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाए। लेकिन मेरे सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता इसमें दिलचस्पी नहीं रखते थे। पहले ही दिन से जिस तरह कांग्रेस के नेता सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया देते थे उसके बारे में सभी जानते हैं।’
कुमारस्वामी ने यह भी बताया कि कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद उनकी भी पार्टी के कुछ नेता खुश नहीं थे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कांग्रेस के विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए जेडी(एस) विधायकों के विधानसभा क्षेत्र की तुलना में ज्यादा पैसे स्वीकृत किए।
जेडीएस नेता ने कहा कि कुछ विधायक उनके पास बिना पूर्व अनुमति लिए भी उनसे मिलने आ जाते थे लेकिन वो हमेशा उनसे मिल लेते थे और वो अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए जो कुछ भी कहते थे वो उसपर तुरंत अपनी सहमति जताते थे। अपनी सरकार की तुलना कांग्रेस सरकार से करते हुए उन्होंने कहा कि ‘जो पिछली कांग्रेस सरकार नहीं कर पाई वो सबकुछ मैंने 14 महीनों में किया।
कांग्रेस विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में विकास के लिए इन 14 महीनों में मैंने 19,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम को स्वीकृति प्रदान दी। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी के नेता भविष्य में अब कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में अब दिलचस्पी नहीं रखते।
