अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार जहां एक तरफ छात्रों के आंदोलन को झेल रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा है। यही कारण है कि सरकार इस योजना के ऐलान करने के बाद से लेकर अबतक कई बदलाव कर चुकी है, फिर भी छात्र मानने को तैयार नहीं है। अब राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

जयंत चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार नए संसद भवन पर 20 हजार करोड़ खर्च कर रही है, लेकिन छात्रों के हित को ध्यान में नहीं रख रही है। चौधरी ने कहा- “20 करोड़ रुपये हम संसद भवन पर खर्च कर रहे हैं। किसी ने नहीं मांगा, ये जितने भी नौजवान सड़क पर हैं, उनसे पूछ लीजिए, नए संसद भवन को चाहते हो या पक्की नौकरी चाहते हो?”

उन्होंने आजतक से बात करते हुए कहा- “मैंने नहीं सोचा था कि आर्मी को आईटीआई बना देंगे। आर्मी स्किल सेंटर के लिए नहीं है, उसका उद्देश्य बहुत बड़ा है। लोग आर्मी में एक भावना को लेकर जाते हैं और उस भावना को ही मिटा देंगे और ठेका प्रथा ले आएंगे।”

जयंत चौधरी ने कहा कि आर्मी के साथ व्यापारिक रिश्ता नहीं है। एक जिम्मेदारी के नाते देश के युवा आर्मी में भर्ती होते हैं। रालोद नेता ने कहा कि सरकार ने युवाओं से ये मौका हमेशा-हमेशा के लिए छीन लिया है। भाजपा वन रैंक-वन पेंशन का मुद्दा बनाकर सरकार में आई थी, लेकिन अब नो रैंक नो पेंशन की बात हो रही है।

जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार को इस योजना को वापस ले लेना चाहिए। छात्रों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ ना करे। उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहती है कि इन विरोध प्रदर्शनों का समाधान हो तो स्थायी भर्ती निकाले।

बता दें कि चार साल के लिए सेना में भर्ती की सरकार ने योजना लाई है। इसी योजना को लेकर छात्र देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।