मोदी सरकार में मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपनी आधिकारिक संपत्ति का खुलासा किया है। उन्होंने पीएमओ की वेबसाइट पर दी गई जानकारी में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की घोषणा की है। मोदी मंत्रिमंडल में ऐसा पहला मामला है जब किसी मंत्री ने क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया हो।

जयंत चौधरी ने कहां किया निवेश?

द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने 31 मार्च, 2025 तक क्रिप्टोकरेंसी (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स) में 21,31,630 रुपये के निवेश की घोषणा की। उनकी पत्नी, चारु सिंह ने क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स में 22,41,951 रुपये का खुलासा किया। दोनों ने धन के सोर्स के रूप में निजी बचत का हवाला दिया, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का नाम नहीं बताया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर हर साल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की आय प्रकाशित होती है। जून 2024 की अपनी फाइलिंग में जयंत चौधरी और चारू सिंह ने क्रमशः 17.9 लाख रुपये और 19 लाख रुपये के क्रिप्टो निवेश की सूचना दी थी, जो तब से 19% और 18% बढ़ चुके हैं।

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मोदी सरकार में मंत्री हैं जयंत

राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी जून 2024 में मोदी सरकार में शामिल हुए। उनके पास शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार भी है। उनकी यह घोषणा केंद्रीय मंत्रियों की आम संपत्ति से अलग है, जिसमें आमतौर पर ज़मीन, मकान, सावधि जमा, शेयर, म्यूचुअल फंड, आभूषण, वाहन और कुछ मामलों में शस्त्र शामिल होते हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस के एक सवाल के जवाब में जयंत चौधरी ने कहा कि ये पुराने निवेश हैं जिन्हें आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने अखबार को बताया, “निवेश के समय यह मेरे पोर्टफोलियो का 2-3 प्रतिशत अधिक था। साथ ही यह कला में बड़े निवेश के साथ मेरे पोर्टफोलियो के अनुरूप भी है।”

कितनी है जयंत की संपत्ति?

कुल मिलाकर जयंत चौधरी ने 31 मार्च 2025 तक 33.23 करोड़ रुपये (वर्तमान बाजार मूल्य) की अचल संपत्ति और 14.51 करोड़ रुपये की चल संपत्ति घोषित की है। जबकि उनकी पत्नी ने 2.15 करोड़ रुपये (वर्तमान बाजार मूल्य) की अचल संपत्ति और 9.54 करोड़ रुपये की चल संपत्ति घोषित की है। इन पारंपरिक होल्डिंग्स के विपरीत क्रिप्टोकरेंसी भारत में अनियमित है। भारतीय रिजर्व बैंक ने निवेशकों को वर्चुअल मुद्राओं के वित्तीय, कानूनी और सुरक्षा जोखिमों के बारे में बार-बार आगाह किया है। जबकि सरकार ने आदर्श नियम बनाने से पहले अंतरराष्ट्रीय सहमति की आवश्यकता पर बल दिया है।

संसद के मानसून सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को सूचित किया कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर डेटा इकट्ठा नहीं करती है। 28 जुलाई, 2025 को एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा था, “भारत में क्रिप्टो संपत्तियां अनियमित हैं और सरकार इन संपत्तियों पर डेटा इकठ्ठा नहीं करती है।” हालांकि उन्होंने बताया कि ऐसी संपत्तियों से होने वाली आय पर आयकर अधिनियम के तहत टैक्स लगाया जाता है। कंपनियों को वित्तीय विवरण में क्रिप्टो जोखिम का खुलासा करना होगा और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDA) में लेनदेन को मार्च 2023 से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत लाया गया है।