आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी किए जाने के बाद अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता की चुनावी प्रत्याशी के तौर पर अयोग्यता खत्म हो गई है। पिछले साल दोषी ठहराए जाने के बाद वे चुनाव लड़ने के रूप में अयोग्य हो गई थीं। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा- लेकिन उन्हें तमिलनाडु विधानसभा का सदस्य बनने के लिए फिर से चुनाव लड़ना होगा।

आयोग के सूत्रों ने बताया कि कानून के मुताबिक अदालत के फैसले के बाद उनकी अयोग्यता समाप्त हो गई है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उन्हें फिर से चुनाव लड़ना होगा।

जयललिता श्रीरंगम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं। पिछले साल 27 सितंबर को उनकी दोषसिद्धि के बाद यह सीट खाली हो गई थी। उन्होंने बताया कि बिना चुनाव लड़े वे इस सीट की प्रतिनिधि नहीं हो सकती हैं। राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के छह महीने के भीतर कानून के मुताबिक उन्हें चुनाव लड़ना होगा।

पिछले साल नवंबर में बंगलुरु की एक विशेष अदालत के दोषी ठहराए जाने के बाद जयललिता दस साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गई थीं।

बंगलुरु की एक विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को दोषी ठहराया था। उन्हें चार साल जेल की सजा और 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जयललिता 17 अक्तूबर को बंगलुरु की जेल से बाहर आई थीं।