श्रीलंकाई नौसेना की ओर से तमिलनाडु के 14 मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री जयललिता ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह उनकी रिहाई के लिए तत्काल कदम उठाएं। मोदी को लिखे गए एक पत्र में जयललिता ने उन चार मछुआरों की वापसी की व्यवस्था करने का भी अनुरोध किया जो आठ नवंबर को श्रीलंका की जल सीमा में प्रवेश कर गए थे। उनके साथ उनकी 50 नौकाएं भी जब्त कर ली गई थीं। जयललिता ने कहा कि उन्होंने श्रीलंकाई नौसेना की ओर से ‘निर्दोष मछुआरों के अपहरण और उन्हें गिरफ्तार किए जाने की बार-बार हो रही घटनाओं’ के बारें में उन्हें लिखा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन मशीनीकृत नौकाओं के साथ 14 मछुआरों को 18 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कूटनीतिक चैनलों के जरिए 14 भारतीय मछुआरों और 50 नौकाओं को श्रीलंका की हिरासत से छुड़ाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।’
इस बीच केंद्रपाड़ा (ओडीशा) से एक रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्लभ किस्म के ओलिव रिडले कछुओं के प्रजनन मौसम के पहले उनकी संरक्षण की कवायद के तहत वन्य विभाग ने पिछले चार दिनों में ओडीशा के गहिरमाथा समुद्री संरक्षित क्षेत्र के आसपास 36 मछुआरों को हिरासत में लिया।
वन्य अधिकारियों ने बताया कि वन्य विभाग के गश्ती दल ने मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाली नौकाओं को भी प्रतिबंधित क्षेत्र से पकड़ा। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार मछुआरे भद्रक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिले के रहने वाले हैं।
वन्यजीव संरक्षण कानून, उड़ीसा मत्स्य पालन नियमन कानून और समुद्री क्षेत्र अभयारण्य आवश्यक कानून का उल्लंघन किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि उड़ीसा समुद्री मत्स्य पालन नियमन कानून, 1982, वन्यजीव संरक्षण कानून के प्रावधान की धारा 27 और 29 के तहत मछुआरों को जेल में हिरासत में भेज दिया गया। वन्य अधिकारियों ने बताया कि लुप्तप्राय किस्म के कछुओं के वार्षिक प्रजनन समय को देखते हुए गहिरमाथा समुद्री संरक्षित क्षेत्र के आसपास समुद्री गश्ती बढ़ा दी गई है और राज्य सरकार ने एक नवंबर से 20 किलोमीटर के दायरे में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।