जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तीन जवानों की शहादत का बदला सेना द्वारा आतंकियों का सफाया कर लिया जा रहा है। पिछले दो दिनों से कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में आतंकियों के साथ भीषण मुठभेड़ हो रही है, जंगलों में छिपे दहशतगर्दों को भी ढूंढ-ढूंढ कर बाहर निकाला जा रहा है। इस समय अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में सेना का ऑपरेशन अंतिम चरण में पहुंच चुका है। बारामूला में तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
अनंतनाग में सेना के सामने बड़ी चुनौती
यहां ये समझना जरूरी है कि अनंतनाग में आतंकियों के खिलाफ सेना का ये सबसे मुश्किल ऑपरेशन है। जानकार बता रहे हैं कि साल 2018 के बाद आतंकियों के खिलाफ सेना का ये बड़ा और निर्णायक मिशन है। अनंतनाग में आतंकियों का सफाया बिल्कुल भी आसान नहीं है, वहां की पहाड़ियां ऐसी हैं कि दहशतगर्द उन्हीं के सहारे सेना पर हमले कर रहे हैं। अभी ये साफ नहीं है कि कितने आतंकी जगलों में छिपे हुए हैं, लेकिन सेना ने भी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर ड्रोन से हमला करना शुरू कर दिया है।
रॉकेट लॉन्चर का हो रहा इस्तेमाल
सेना की कार्रवाई के कई वीडियो भी सामने आए हैं। उन वीडियो में आतंकी भागते दिख रहे हैं, वहीं सेना लगातार बमबारी कर रही है। इस बमबारी की वजह से ही अनंतनाग में एक और आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया है। बड़ी बात ये है कि सेना द्वारा इस बार आतंकियों के सफाए के लिए रॉकेट लॉन्चर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरी कोशिश है कि आतंकियों के सभी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया जाए। सेना का कहना है कि आतंकियों को लगातार पाकिस्तानी सेना की तरफ से मदद मिल रही है, हथियारों से लेकर दूसरे संसाधन उनके पास पहुंचाए जा रहे हैं।
पाकिस्तान फिर हुआ बेनकाब
बारामूला ऑपरेशन के दौरान भी जिस तरह से पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग कर आतंकियों को बचाने की कोशिश की, उससे भी काफी कुछ साफ हो गया। ब्रिगेडियर पीएमएस ढिल्लन ने इस बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे इनपुट मिले थे सीमा पार से तीन आतंकी घाटी में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। तीन आतंकियों को मौके पर ही मार दिया गया था। दो के तो शव भी मिल गए, लेकिन तीसरे की बॉडी हाथ नहीं लग पाई। पाकिस्तानी सेना की तरफ से लगातार फायरिंग की गई। अभी भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
कैसे शहीद हुए थे तीन जवान?
जानकारी के लिए बता दें कि 12 और 13 सितंबर को ऐसे इनपुट मिले थे कि अनंतनाग में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। उस इनपुट के आधार पर ही सेना और पुलिस दोनों जमीन पर सक्रिय हो गईं और उनकी तरफ से एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया। अब जिस समय तलाशी अभियान चलाया गया, कुछ आतंकियों ने अचानक से फायरिंग कर दी और उस गोलीबारी में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन खून इतना बह चुका था कि तीनों में से किसी भी वीर सपूत को नहीं बचाया जा सका।