Ramban Cloud Burst News: जम्मू-कश्मीर के रामबन में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, अब तक तीन लोगों की मौत की खबर है। इस समय श्रीनगर हाईवे को बंद कर दिया गया है, मौके पर रेस्क्यू जारी है। पिछले 24 घंटे से रामबन में तेज बारिश जारी है, पूरे क्षेत्र में ही अफरा-तफरी जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। इसके ऊपर लैंडस्लाइड की वजह से भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।

कई घरों में घुसा पानी, बाढ़ जैसे हालात

इस समय लैंडस्लाइड की वजह से श्रीनगर हाईवे पर पत्थर गिरे हैं, काफी मलबा पड़ा है, ऐसे में इसे बंद कर दिया गया है। अचानक हाईवे बंद होने की वजह से एक लंबा ट्रैफिक जाम भी देखने को मिल रहा है, यात्री बीच सड़क में फंस परेशान हो चुके हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक क्योंकि बारिश रुक नहीं रही है, ऐसे में हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। कई घरों में अभी से ही पानी घुस चुका है।

बताया जा रहा है कि रामबन के ही बनिहाल इलाके में कई जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं, इस वजह से किश्तवाड़-पद्दर मार्ग भी बंद कर दिया गया है।

क्यों फट जाते हैं बादल?

इस समय लैंडस्लाइड के कई वीडियो भी वायरल चल रहे हैं। उन वीडियो में पहाड़ का मलबा सैलाब की तरह गिरता दिख रहा है, कई गाड़ियां दब चुकी हैं। इस समय सैंकड़ो होटल भी इस बाढ़, बादल फटने की वजह से प्रभावित हुए हैं। चिंता की बात यह है कि जिस रामबन में बादल फटा है, वो पर्यटकों के लिए घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है, इस समय भी क्योंकि टूरिस्ट सीजन चल रहा है, ऐसे में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं।

बादल फटना किसे कहते हैं?

बादल फटने के विज्ञान को समझने से पहले उसकी परिभाषा जान लेते हैं। मौसम विभाग कहता है कि अगर एक घंटे में 10 सेंटीमीटर या उससे ज़्यादा बारिश छोटे इलाके में ( एक से दस किलोमीटर) हो जाए तो उस घटना को बादल फटना माना जाएगा। यानी सिर्फ तेज बारिश या ज्यादा बारिश को बादल फटने की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, उसके लिए तय मानदंड का पूरा होना जरूरी है। कई बार एक साथ एक ही जगह पर एक से ज्यादा बादल फट जाते हैं, ऐसी स्थिति में त्रासदी का स्तर बढ जाता है।

जानमाल के नुकसान उस परिस्थिति में भी अधिक होता है, जब  CloudBurst नदी या झील के आस पास हो। ऐसे में वाटर बॉडी में अचानक इतना पानी भर जाता है कि आस-पास के रिहायशी इलाके डूबने लगते हैं। यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे इलाकों में बादल फटने से अधिक नुकसान होता है।

बादल क्यों फटते हैं?

जब भी नमी वाले बादल एक जगह इकट्ठा हो जाते हैं और पानी की बूंदे आपस में मिलकर बादल का घनत्व बढ़ा देती हैं, तो बादल फट जाता है। यानी एक साथ बहुत बारिश हो जाती है। यह पानी से भरे किसी बड़े गुब्बारे के फटने जैसा होता है। इस घटना का होना पूरी तरह भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

बादल फटने की घटना पहाड़ी इलाकों में अधिक होती है क्योंकि वहां वैसी परिस्थितियों आसानी से बन जाती है। इसका मतलब यह नहीं है कि CloudBurst मैदानी इलाकों जैसे दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश नहीं हो सकते। बादल फटने की घटना सामान्य तौर पर जमीन से 12-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है।