Jammu and Kashmir Terror Attack: दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में जिस जगह आतंकियों ने कायराना हमले को अंजाम दिया, वह घने जंगलों से घिरी एक खूबसूरत जगह है। बैसरन घाटी में मंगलवार का शुरुआती दिन बीते और दिनों के जैसा ही था और इस दिन इस इलाके में लगभग 1000 से 1500 हजार के बीच पर्यटक मौजूद थे। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा तो पर्यटकों की संख्या भी बढ़ती गई लेकिन शायद उन्हें बात का अंदाजा नहीं था कि आतंकवादी यहां हमला कर सकते हैं।

गुजरात के रहने वाले विनय बाई सहित कई पर्यटकों ने सेना के अफसरों को बताया है कि उस दौरान क्या-क्या हुआ?

The Indian Express के मुताबिक, एक अफसर ने विनय बाई के हवाले से बताया कि वह बैसरन में पहुंचने ही वाले थे कि गोलियां चलने लगीं और लोग अपनी जान बचाने के लिए भागे। विनय बाई के मुताबिक, “जब मैंने भागने की कोशिश की तो एक गोली मेरी कोहनी में लगी, मुझे नहीं पता कि यह कहां से आई।”

आतंकी हमले में बाल-बाल बचीं एक महिला के हवाले से सेना के एक अफसर ने बताया, “तीन से चार लोग वर्दी पहने हुए घने जंगलों से नीचे उतरे। उन्होंने हमारा नाम पूछा तो हमें लगा कि वे पुलिस वाले हैं, अचानक उन्होंने पुरुषों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी और महिलाओं को निशाना नहीं बनाया। उन्होंने कुछ पुरुषों को बेहद करीब से गोली मारी।”

महिला के मुताबिक, हमले से घबराकर जिन लोगों ने भागने की कोशिश की, उन पर भी आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की और उन्हें मार दिया।

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आतंकवादियों की गोलीबारी में बच गए लोगों में से एक ने पुलिस को बताया, “गोलियों की आवाज सुनकर लोग पास में ही लगे टेंट की ओर भागे लेकिन हमलावर उनके बगल वाले टेंट में पहुंच गए और एक आदमी को बाहर बुलाया, उससे बात की और फिर उन्हें गोली मार दी।”

काफी देर तक इलाके में मौजूद रहे आतंकवादी

सेना के एक और अफसर ने बताया कि इस हमले में जिंदा बचे लोगों के बयानों से पता चलता है कि आतंकवादी भागने से पहले काफी समय तक इस इलाके में मौजूद रहे। एक पर्यटक ने सेना के अफसर को बताया कि आतंकवादी कम से कम 20 मिनट तक यहां रुके, बेखौफ होकर यहां-वहां घूमते रहे और गोलियां बरसाते रहे।

आतंकी हमले में बचे एक शख्स ने बताया जब तक पुलिस बैसरन पहुंची, उससे बहुत पहले ही आतंकवादी भाग गए थे। कर्नाटक की रहने वाली पल्लवी राव के पति मंजूनाथ को भी आतंकवादियों ने गोली मार दी। पल्लवी राव ने एक रिश्तेदार को बताया कि जब पहली बार आतंकवादियों ने गोलियां चलाई तो ऐसा लगा कि सुरक्षा बल अभ्यास कर रहे हैं। पल्लवी राव ने भी यही बताया कि हमलावरों ने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया।

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पहलगाम से 6 किमी. दूर है बैसरन की घाटी

बैसरन की यह घाटी पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर है और यहां केवल पैदल या टट्टू की सवारी से ही पहुंचा जा सकता है। 6 किलोमीटर का एक कच्चा रास्ता है और यह पहलगाम को बैसरन घाटी से जोड़ता है। आतंकी हमला होने के बाद स्थानीय दुकानदार और पर्यटक गाइड घायलों को टट्टुओं के जरिये पहलगाम ले गए।

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