Jammu-Kashmir News: इस महीने की शुरुआत में बाप-बेटे की जोड़ी उधमपुर से सांबा आई। पुलिस उन्हें आतंकी संबंधों के शक में पुलिस स्टेशन लेकर आ गई। यह सब इस वजह से हुआ क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर एक सिम कार्ड को फिर से एक्टिव किया था। पुलिस को इसका इस्तेमाल आतंकियों की तरफ से किए जाने का शक था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मूल रूप से उधमपुर के खब्बल गांव का रहने वाला यह परिवार आतंकियों से जान को खतरा होने के डर से दो हफ्ते पहले सांबा जिले में चला गया था। सांबा में वे बारी ब्राह्मणा की एक फैक्ट्री में काम करते थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों ने एक पुराने सिम कार्ड को फिर से एक्टिव किया। इसी की वजह से पुलिस उनके घर पर जा पहुंची। पुलिस के मुताबिक, सिम कार्ड पहले एक फोन में था, जिसे दो आतंकवादियों ने 2 अप्रैल की रात को बंदूक की नोक पर उनसे छीन लिया था। ऐसा उन्होंने जब किया जब वे खाना मांगने के लिए परिवार के दरवाजे पर पहुंचे थे।

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सिम कार्ड परिवार को सौंप दिया

सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भागने से पहले बदमाशों ने फोन का सिम कार्ड परिवार को सौंप दिया था। घटना के बाद गांव के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने सिम कार्ड को संदिग्ध मानकर इलाके में तलाशी अभियान चलाया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बीच, परिवार सांबा चला गया। यहीं पर सिम एक्टिव हो गया। इससे वह पुलिस के संज्ञान में आ गए। उन्होंने बताया कि एक घंटे की पूछताछ के बाद दोनों को जाने दिया गया।

पंजतीर्थी इलाके के पास के जंगलों से भाग गए थे आतंकी

गौरतलब है कि ये आतंकवादी उसी समूह के लगते हैं जो 27 मार्च को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद कठुआ जिले के रामकोट के पंजतीर्थी इलाके के पास के जंगलों से भाग गए थे। उस मुठभेड़ में दो आतंकवादी और चार पुलिसकर्मी मारे गए थे। बाद में 31 मार्च की रात को आतंकवादी बिलावर के पंजतीर्थी जंगलों में पाए गए। हालांकि इसके बाद एक और मुठभेड़ हुई, लेकिन आतंकवादी भागने में सफल रहे।  तिहाड़ जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की बिगड़ती सेहत को लेकर कश्मीर के नेता चिंतित