जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ की गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। यहां हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट की ओर से पिछले सप्ताह त्राल में दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ बंद का आयोजन किया गया था।

प्रशासन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी गुट के अध्यक्ष मिरवाइज उमर फारूक समेत कई अलगाववादी नेताओं को ‘एहतियातन’ नजरबंद कर दिया है।

बहरहाल, मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में नरबल क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ की गोलीबारी में तीन लोग घायल हो गए। घायलों को एक अस्पताल में ले जाया गया जहां एक युवक सुहैल अहमद सोफी की मौत हो गई।

पुलिस ने घायलों की स्थिति का ब्यौरा नहीं देते हुए बताया कि अन्य युवकों का उपचार हो रहा है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना की प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिला है कि सुरक्षा बलों ने घटना के दौरान मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया। हालांकि इसकी वास्तविक प्रकृति का पता नहीं चला है।

मागम थाने में आरपीसी की धारा 302 समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। त्राल में युवकों की मौत के मुद्दे पर घाटी के कुछ अन्य हिस्सों में आज सुबह ताजा विरोध प्रदर्शन के बीच मिरवाइज एवं कुछ अन्य अलगावादी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है।

प्रशासन ने अलगावादी नेताओं को नजरबंद करने को कानून एवं व्यवस्था बनाने रखने की कवायद बताया है। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के सैयद अली शाह गिलानी गुरूवार की रात से ही नजरबंद हैं।

बहरहाल, हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट की ओर से बुलाये गए बंद को घाटी में मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है और कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प देखने को मिली। कुछ स्थानों पर यातायात को बाधित करने के लिए टायरों को जलाया गया।

श्रीनगर के लाल चौक और इसके आसपास दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान, पेट्रोल पंप बंद रहे जबकि सिविल लाइन क्षेत्र एवं मुख्य शहर अधिकांश तौर पर खुले रहे। सूत्रों ने बताया कि निजी वाहन, कैब, आटो रिक्शा सड़कों पर सामान्य रूप से चले।

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