जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद सोमवार को राज्य में पहली राजनीतिक गतिविधि देखने को मिली। यहां पांच गुमनाम चेहरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जम्मू कश्मीर पॉलिटिकल मूवमेंट (आई) के प्रमुख शाहिद खान समेत दल के अन्य नेता कॉनफ्रेंस में शामिल हुए। इस प्रेस कॉनफ्रेंस में जम्मू कश्मीर पॉलिटिकल मूवमेंट (आई) के प्रवक्ता, रजा अशरफ, वकील और मुशताक तांत्रे भी शामि रहे।

कॉन्फ्रेंस के दौरान शाहिद खान ने मीडिया से बातचीत के अपने फैसले को साहसिक बताया। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे समय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिस समय अन्य नेता खामोश हैं। कहा कि मीडिया कश्मीर को लेकर नकारात्मक नहीं बल्कि अब सकारात्मक सोचें। खान ने कहा ‘कश्मीर समस्या का नहीं बल्कि समाधान का हिस्सा होना चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार को राज्य के युवाओं से बातचीत करनी होगी। मैं स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में कई छात्रों से मिला हूं और उनके पास कई तरह के आइडिया और ऊर्जा हैं। लेकिन दुनिया हमारी तरफ एक अलग नजरिए से देखती है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह युवाओं से बातचीत शुरू करें।’

उन्होंने आगे कहा ‘सरकार को कम्यूनिकेशन के साधनों को पूरी तरह से बहाल करना चाहिए। इसके साथ ही गिरफ्तार युवाओं को छोड़ देना चाहिए। मालूम हो कि पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद रखा गया है।

उमर को हरि निवास पैलेस में रखा गया है, वहीं महबूबा को श्रीनगर में चेशमाशाही में जेके पर्यटन विकास हट में हिरासत में लिया गया है। उमर और महबूबा दोनों ही जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति और दो केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य के पुनर्गठन का विरोध कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने बीते 8 सितंबर को दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो चुके हैं।