जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग भी होने जा रही है, दावे हर तरफ से जीत के हो रहे हैं, लेकिन पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कुछ ऐसा बोल दिया है कि उस पर सियासत तेज है, उसके मायने बड़े निकाले जा रहे हैं। असल में उमर अब्दुल्ला ने ऐसी संभावना जताई है कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सरकार बन सकती है।

उमर अब्दुल्ला का असली डर क्या है?

असल में उमर अब्दुल्ला को ऐसा डर है कि अगर कश्मीर घाटी में वोट ज्यादा बंट जाते हैं तो उसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है। टीवी9 की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कुपवाड़ा में पत्रकारों से बात की थी। उस बातचीत के दौरान सवाल पूछा गया कि क्या जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार बना सकती है। इस सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा था कि अगर कश्मीर में वोट बंटेगे तो बीजेपी सत्ता पर काबिज हो सकती है। उन्होंने कश्मीर की जनता से अपील की कि वे अपने वोट का समझदारी से इस्तेमाल करें।

19 सीटें लड़कर बीजेपी जम्मू-कश्मीर में कैसे सरकार बनाएगी?

महबूबा मुफ्ती भी इस बात से डर रहीं

अब समझने वाली बात यह है कि उमर अब्दुल्ला एक अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्हें अब वोट बंटने का खतरा दिखाई दे रहा है। पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी ऐसा ही लगता है। वे तो एक कदम आगे बढ़कर यहां तक कह रही हैं कि इंजीनियर राशिद जैसे नेता कश्मीर घाटी में बीजेपी के प्रॉक्सी बनने का काम कर रहे हैं, वो पार्टी की ही बी टीम वाली भूमिका निभा रहे हैं।

वैसे बीजेपी की भी रणनीति ऐसी ही दिखाई देती है, पार्टी ने एक बार फिर जम्मू में तो सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन कश्मीर घाटी में सिर्फ 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। तर्क दिया गया है कि पार्टी अपने दम पर कश्मीर में ज्यादा सीटें नहीं जीत सकती, ऐसे में निर्दलीयों पर भरोसा जताया गया है।

बीजेपी की असल रणनीति क्या है?

इस बारे में अनंतनाग से भाजपा प्रत्याशी राफिक वाणी ने तो खुलकर कह दिया है कि चाहे इंजीनियर राशिद हो, चाहे सज्जाद लोन हो, चाहे अल्ताफ बुखारी हो, वो सभी उनके अपने हैं, कई निर्दलीय प्रत्याशी भी पार्टी के लिए ही फायदा पहुंचाने का काम करने वाले हैं। बीजेपी की रणनीति है कि वो जम्मू की सभी 35 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, वही घाटी में अपने साथी पार्टियों और निर्दलीयों पर भरोसा जताएगी।