जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति इस बार हर किसी को हैरान कर रही है। जो पार्टी पहले दावा कर रही थी कि वो सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली है, जिस बात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने खुद पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि कश्मीर घाटी में भी प्रत्याशी उतारे जाएंगे, अब उन दावे को, उस विश्वास को चोट पहुंची है। भाजपा कार्यकर्ताओं को बता दिया गया है कि पार्टी घाटी में और उम्मीदवार नहीं उतारने वाली है।

बीजेपी कश्मीर को लेकर कॉन्फिडेंट क्यों नहीं?

जानकारी के लिए बता दें कि कश्मीर घाटी से कुल 47 सीटें निकलती हैं और बीजेपी ने सिर्फ 19 पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। यहां भी आठ सीटें तो दक्षिण कश्मीर की हैं, 6 सेंट्रल कश्मीर की और पांच उत्तर कश्मीर की सीट रही हैं। पार्टी का ऐसा मानना है कि कश्मीर में इस बार भी उसका प्रदर्शन कोई बहुत ज्यादा शानदार नहीं रहने वाला है, वो अपने दम पर घाटी में ज्यादा सीटें जीतती हुई नहीं दिख रही। इसी वजह से पार्टी की रणनीति यह है कि वो निर्दलीय उम्मीदवारों पर अपना दांव चलेगी।

जम्मू-कश्मीर चुनाव की हर डिटेल

बीजेपी की असल रणनीति पता चली

इस बारे में अनंतनाग से भाजपा प्रत्याशी राफिक वाणी ने तो खुलकर कह दिया है कि चाहे इंजीनियर राशिद हो, चाहे सज्जाद लोन हो, चाहे अल्ताफ बुखारी हो, वो सभी उनके अपने हैं, कई निर्दलीय प्रत्याशी भी पार्टी के लिए ही फायदा पहुंचाने का काम करने वाले हैं। बीजेपी की रणनीति है कि वो जम्मू की सभी 35 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, वही घाटी में अपने साथी पार्टियों और निर्दलीयों पर भरोसा जताएगी।

कश्मीर के नेता नाराज हो गए

लेकिन बीजेपी का कश्मीर घाटी में ना लड़ना पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को ही पसंद नहीं आ रहा है। ऐसे ही एक नाराज नेता ने दो टूक बोल दिया है कि हम सब काफी नाराज हैं, हमने अपनी जिंदगी के कई साल बीजेपी को दिए, जब कोई उनके साथ घाटी में नहीं खड़ा था हम खड़े हुए थे। जब हमें इनाम देने की बात आई, पार्टी ने हम पर विश्वास दिखाना जरूरी नहीं समझा। अब या तो उन्होंने कोई उम्मीदवार ही नहीं उतारा या उन नए चेहरों पर ज्यादा भरोसा जताया जो अभी-अभी पार्टी में आए हैं।