Jammu-Kashmir Assembly Election 2024, J&K Vidhan Sabha Chunav Seat: जम्मू-कश्मीर में आखिरकार काफी लंबे समय के बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनाव में दिलचस्प और त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। सभी पार्टियां वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए काफी कोशिशों में जुटे हुए हैं। पहलगाम विधानसभा सीट पर 18 सितंबर को वोट डाले जाएंगे।

अब यहां राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों की बात करें तो मुख्य दावेदार नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अल्ताफ अहमद वानी (कालू), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के शब्बीर अहमद सिद्दीकी और अपनी पार्टी के रफी अहमद मीर हैं। हालांकि यह सीट पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और मुफ्ती मुहम्मद सईद के पास रही है।

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने अल्ताफ अहमद वानी को ही अपना उम्मीदवार बनाया था। वहीं अपनी पार्टी ने रफी अहमद मीर को प्रत्याशी के तौर पर चुनावी दंगल में उतारा था। यहां पर अल्ताफ वानी ने जीत हासिल की थी। अल्ताफ अहमद वानी को 25,232 वोट मिले थे, जबकि रफी अहमद मीर को 24,328 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था।

रफी अहमद मीर

पहलगाम के सल्लार के रहने वाले रफी अहमद मीर ने अपना राजनीतिक जीवन एनसी के साथ शुरू किया, 1987 में चुनाव जीते। हालांकि, वे 1996 और 2002 में इसके बाद के चुनाव हार गए। बाद में वे पीडीपी में शामिल हो गए, 2008 में विधानसभा सीट जीती, लेकिन 2014 में लगभग 900 वोटों के मामूली अंतर से हार गए। मीर ने पीडीपी के महासचिव के तौर पर काम किया और अपनी पार्टी में जाने से पहले महबूबा मुफ़्ती की सरकार के तहत जम्मू और कश्मीर पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष के रूप में प्रशासनिक पद संभाला।

अल्ताफ अहमद वानी

अल्ताफ अहमद वानी को अल्ताफ कालू के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 2008 में एनसी टिकट पर विधानसभा के लिए असफल प्रयास के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। बाद में उन्हें 2009 में विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया और 2014 में उन्होंने 904 वोटों के अंतर से विधानसभा सीट जीती।

डॉ शब्बीर अहमद सिद्दीकी

महबूबा मुफ्ती के रिश्तेदार डॉ शब्बीर अहमद सिद्दीकी इस चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि यह सीट पहले पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और मुफ्ती मुहम्मद सईद के पास रही है, लेकिन सिद्दीकी को पार्टी के मजबूत स्थानीय आधार का फायदा मिलने की उम्मीद है।