जम्मू विकास प्राधिकरण ने हाल ही में एक स्थानीय निवासी के घर को ध्वस्त कर दिया। परिवार का कहना है कि वे 35 वर्षों से वहां रह रहे थे। वहीं, प्राधिकरण का दावा है कि परिवार का घर उनकी जमीन पर बना था। उपाध्यक्ष रूपेश कुमार ने कहा कि उन्होंने परिवार को दो बेदखली नोटिस भेजे थे। मलबे पर बैठे भावुक डैंग परिवार के वीडियो वायरल होने के बाद, राजनेताओं ने इस मुद्दे को उठाया।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना ने परिवार से मुलाकात कर केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना का हवाला देते हुए समर्थन की पेशकश की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा, “राजभवन द्वारा तैनात अधिकारी चुनी हुई सरकार की अनुमति के बिना बुलडोजर का इस्तेमाल करते हैं। क्या जम्मू में सिर्फ यही एक जगह है जहां अतिक्रमण के आरोप लगे हैं? मैं जानना चाहता हूं कि इस एक व्यक्ति को ही क्यों निशाना बनाया गया और क्या इसका कारण उसका धर्म है।”
घर गिराए जाने के 12 दिन बाद स्कूल गए डैंग परिवार के बच्चे
12 दिनों के बाद, गुलाम कादिर डैंग के पोते-पोतियां सोमवार को स्कूल गए। डैंग जिनके घर को 27 नवंबर को गिराया गया, उनका कहना है कि चन्नी रामा स्थित सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें फोन किया। उनके पिता बताते हैं, “प्रिंसिपल ने हमसे कहा कि हम तीनों को स्कूल भेज दें, भले ही उनके पास किताबें या यूनिफॉर्म न हों क्योंकि इससे उनका ध्यान घर गिराए जाने के सदमे से हट जाएगा।” अरफाज़ ने बताया कि उन्होंने 11, 9 और 7 साल के बच्चों के लिए नई यूनिफ़ॉर्म तो खरीद ली लेकिन उन्हें बिना कॉपी और किताबों के ही स्कूल जाना पड़ा। जब हमारा घर गिरा दिया गया तो हमने ये सब खो दिए।
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अपने घर को गिराए जाने के कारणों का अभी तक जवाब न मिलने का दावा करते हुए डैंग परिवार जिसमें 70 वर्षीय गुलाम कादिर, अरफज़, अरफज़ की पत्नी मुमताज़ और उनके तीन बच्चे शामिल हैं ने ज़मीन खाली करने से इनकार कर दिया है और मलबे के पास ही रह रहे हैं। उन्होंने दो पलंग, एक सोफा, कुछ प्लास्टिक की कुर्सियाँ, एक एलपीजी सिलेंडर, एक चूल्हा और कुछ बर्तन बरामद कर लिए हैं। शाम को तापमान गिरने पर वे अलाव के चारों ओर कंबल ओढ़कर बैठ जाते हैं। पड़ोसी और अन्य लोग उनके विरोध प्रदर्शन के समर्थन में परिवार के साथ आकर बैठ जाते हैं।
Jammu: टूटे घर के पास ही रह रहा डैंग परिवार
अरफाज़ का घर जो दूसरे इलाके में स्थित था, अब ध्वस्त हो चुका है जबकि डैंग का दूसरा बेटा पास ही में रहता है। हालांकि, 70 वर्षीय डैंग पूछते हैं कि उन्हें क्यों घर बदलना चाहिए। “हम उस जगह से कहां जाएंगे जो पिछले 40 सालों से हमारा घर रही है? पक्षी भी इतनी आसानी से अपना घोंसला नहीं छोड़ते।” वह विभिन्न समुदायों के लोगों से मिल रहे निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं। डैंग इसे इस बात की पुष्टि मानते हैं कि परिवार के साथ अन्याय हुआ है।
कुलदीप शर्मा जिन्होंने अंब घरोटा में डिंग परिवार को 5 मरला (1,355 वर्ग फुट) जमीन देने की पेशकश की थी, कहते हैं कि उनकी पेशकश अभी भी कायम है। कुलदीप ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैंने पहले ही दिन उन्हें जमीन के दस्तावेज सौंप दिए थे और उनसे जमीन के हस्तांतरण के लिए अदालत में मेरे साथ चलने का अनुरोध कर रहा हूं। हालांकि, वे लगातार इनकार कर रहे हैं, यह कहते हुए कि वे जमीन से ज्यादा मेरी भावनाओं को महत्व देते हैं।”
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