दिल्ली के लाल किले में हुए बम विस्फोट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चार जिलों में छापे मारे हैं। इस दौरान पुलिस ने विशेष रूप से जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) को निशाना बनाया। इस संगठन पर 2019 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।

पुलिस ने कहा है कि बुधवार को कुलगाम में 200 से अधिक जगहों पर छापे मारे गए जबकि पिछले चार दिनों में घेराबंदी और तलाशी के 400 अभियान चलाए गए हैं।

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने यह छापेमारी फरीदाबाद और सहारनपुर में एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद की है। इस आतंकी मॉड्यूल में शामिल होने वाले संदिग्ध कश्मीर से थे। एजेंसियों को शक है कि लाल किला विस्फोट को डॉ. उमर नबी ने अंजाम दिया है। उमर पुलवामा का रहने वाला है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि उस घटना और छापेमारी का कोई संबंध नहीं है।

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500 लोगों से की पूछताछ

पुलिस ने कहा है कि आतंक के इको सिस्टम और इसे समर्थन देने वाले तंत्र को खत्म करने की कोशिश के तहत ही जेईआई से जुड़े लोगों और उनके सहयोगियों के घरों और परिसरों पर छापेमारी की गई है। पुलिस ने बताया है कि छापेमारी के बाद प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े कुलगाम के 500 लोगों से पूछताछ की गई और कुछ लोगों को अनंतनाग की एक जेल में भेज दिया गया।

सोपोर में भी जम्मू और कश्मीर पुलिस ने बुधवार को 30 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की। सोपोर पुलिस ने बताया कि कई लोगों से पूछताछ की जा रही है जिससे यह पता लगाया जा सके कि वे गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं या नहीं। पुलिस ने जेईआई के खिलाफ गांदरबल और अवंतीपोरा में भी कई जगहों पर छापेमारी की है।

कश्मीर में पिछले सप्ताह 1,500 से अधिक लोगों से पुलिस ने पूछताछ की है।

आपत्तिजनक सामग्री बरामद

जम्मू-कश्मीर पुलिस का दावा है कि छापेमारी के दौरान उसने बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिसमें दस्तावेज, डिजिटल उपकरण शामिल हैं और ये जमात-ए-इस्लामी से जुड़ी हुई हैं। पुलिस की इस कार्रवाई का मकसद आतंकवादी-अलगाववादी इकोसिस्टम को खत्म करना, इसकी फंडिंग के नेटवर्क को नष्ट कर यह सुनिश्चित करना है कि इन इलाकों में हालात सामान्य बने रहें।

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