जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और प्रदेश को दो भागों में बांटे जाने के बाद राज्य में स्थिति सामान्य बनाए जाने को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। इन सब के बीच सेना की भर्ती में स्थानीय युवाओं ने पूरे जोश के साथ हिस्सा ले रहे हैं।

सेना में शामिल होकर देशसेवा करने के लिए राज्य के मुस्लिम बहुल चिनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्र के युवा कतार लगाए खड़े हैं। मंगलवार से एक सप्ताह तक चलने वाले सैन्य भर्ती अभियान में 6000 से अधिक युवा भाग ले चुके हैं। इसमें रामबन और किश्तवाड़ जिले के 2500 युवा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त डोडा से भी 3600 युवक सेना भर्ती में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।

दूसरी तरफ, राजौरी जिले के 8000 से अधिक युवा सेना के भर्ती अभियान में शामिल होने के लिए अपना नाम रजिस्टर्ड करा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि पूंछ और रियासी जिले से भी 4000 से अधिक नाम सेना में भर्ती के लिए आए हैं। इसके अतिरिक्त उधमपुर जिले से भी 8000 से अधिक युवा सेना में भर्ती होने के लिए कतार में हैं।

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और प्रदेश को दो भागों में बांटे जाने के बाद यह पहला भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारी के अनुसार भर्ती में शामिल होने वालों में करीब 40 फीसदी युवा मुस्लिम हैं।

वर्तमान में अभी रियासी जिले के तालवारा में भर्ती अभियान चल रहा है। इसमें पहले दो दिन रामबन, किश्तवाड़ और डोडा जिले के आवेदकों के लिए था। यहां अधिकतर युवा भर्ती अभियान शुरू होने के एक दिन पहले ही पहुंच गए थे। सेना के अनुसार भर्ती अभियान के तहत सैनिक जीडी, सैनिक टेक्निकल, सैनिक टेक्निकल नर्सिंग असिस्टेंस, सैनिक टेक्निकल नर्सिंग असिस्टेंस वेटिनरी, सैनिक क्लर्क, स्टोर कीपर टेक्निकल, सैनिक ट्रेड्समैन कैटेगरी में की जाएगी।

भर्ती में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवारों को पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट पास करना होगा। इसके बाद जिनको शॉर्टलिस्ट किया जाएगा वे लिखित परीक्षा और मेडिकल टेस्ट में शामिल होंगे। भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटराइज्ड और पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें खामी की कोई आशंका नहीं है।