जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने के बाद हिरासत में लिए गए पूर्व आईएएस शाह फैसल श्रीनगर एयरपोर्ट पर देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ भीड़ को उकसा रहे थे। उन्हें हिरासत में लिए जाने के कारणों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोर्ट में इसकी जानकारी दी। प्रशासन ने कहा कि यही वजह थी जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया।

दरअसल प्रदेश प्रशासन ने शाह फैसल द्वारा दाखिल एक याचिका के जवाब में यह जानकारी दी। फैसल ने एक याचिका में आरोप लगाया कि उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर गैर कानूनी रूप से रोका गया और वापस श्रीनगर भेज दिया जहां उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। इस पर राज्य सरकार ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए बडगाम के कार्यकारी मजिस्ट्रेट के आदेश के तहत और वैधानिक प्रावधानों के हिसाब से फैसल की आजादी सीमित की गई। प्रशासन ने कोर्ट में उनकी उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि वो विदेश इसलिए जाना चाहते थे ताकि पीआर में मास्टर्स पूरा कर सकें।

12 अगस्त को एक लुक आउट सर्कुलर (जिसमें किसी को देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती) पूर्व आईएएस टॉपर के खिलाफ आईबी ने जारी किया। सवाल उठा कि वह हॉवर्ड यूनिवर्सिटी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अमेरिका जा रहे थे। इसपर सरकार ने कहा कि वह टूरिस्ट वीजा पर जा रहे था, ना की छात्र वीजा पर।

सरकार ने 14 अगस्त को कहा कि श्रीनगर से दिल्ली जाते वक्त शाह फैसल ने एयरपोर्ट पर भीड़ को उकसाने के लिए उन्हें संबोधित करना शुरू कर दिया था। इसलिए एक मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बता दें कि शाह फैसल जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छिनने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के सरकार के कदम के सबसे मुखर आलोचक थे।

इससे पहले उन्होंने ट्विटर के जरिए चेतावनी दी कि राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए कश्मीर को ‘अहिंसक राजनीतिक जन आंदोलन की जरूरत है।’ अपने ट्वीट में फैसल ने कहा, ‘राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए कश्मीर को एक लंबे, निरंतर, अहिंसक राजनीतिक जन आंदोलन की आवश्यकता होगी। धारा 370 को समाप्त करने से मुख्यधारा खत्म हो गई है। संविधानवादी चले गए हैं।’