जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान से तनाव को बढ़ावा देने की बजाय संयम बरतने और संवाद का रास्ता अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए पहलगाम हमले ने क्षेत्र की नाजुक स्थिति को और खतरनाक बना दिया है।

पीडीपी नेता ने कहा- संघर्ष में आम लोग ही हो रहे हैं परेशान

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने संदेश में महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ खूनी हमला भारत-पाकिस्तान संबंधों को एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर ले आया है। उन्होंने कहा, “दोनों तरफ महिलाओं और बच्चों सहित कई निर्दोषों की जान गई है। इस संघर्ष का सबसे बड़ा बोझ आम लोग ही उठा रहे हैं। जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इंसानी जिंदगियां खतरे में पड़ती जा रही हैं।”

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी समस्या का हल सैन्य कार्रवाई से नहीं निकल सकता। “गोलियों और बमों से केवल पीड़ा और असुरक्षा का विस्तार होता है, समाधान नहीं,” उन्होंने लिखा।

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महबूबा ने दोनों देशों की सरकारों से आग्रह किया कि वे अहंकार छोड़कर शांति, संवाद और सह-अस्तित्व की राह पर आगे बढ़ें। उन्होंने विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की, “अब वह वक्त आ गया है जब हमें दुश्मनी का रास्ता छोड़कर, बातचीत को एकमात्र उपाय बनाना होगा। यही रास्ता है जो हमें स्थायी समाधान और शांति की ओर ले जा सकता है।”

इस बीच, जम्मू से आ रही खबरों ने हालात को और गंभीर बना दिया है। महबूबा ने चिंता जताई कि कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमलों की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे आम जनता में डर और बेचैनी फैल रही है। उन्होंने कहा कि सरहदी इलाकों में रहने वाले लोग पहले से ही दशकों की हिंसा झेलते आए हैं—अब उन्हें फिर से उस भयावह स्थिति में नहीं धकेला जाना चाहिए।

उन्होंने अंत में कहा, “हम पहले ही कई जिंदगियां खो चुके हैं। अब और नुकसान नहीं होना चाहिए। हमें हर कीमत पर शांति बनाए रखनी होगी।”