जामिया यूनिवर्सिटी में फायरिंग करने वाले नाबालिग को उसके परिजनों ने एक रिश्तेदार के शादी समारोह के लिए कपड़े खरीदने के लिए 10 हजार रूपए दिए थे, लेकिन आरोपी ने उन पैसों से कपड़े खरीदने के बजाय गन खरीद ली।। पुलिस की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है। नाबालिग ने गांव के ही एक युवक से यह गन खरीदी थी।
शुक्रवार को फायरिंग के आरोपी नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा 14 दिन की प्रोटेक्टिव कस्टडी में भेज दिया गया। पूछताछ में पता चला है कि सोशल मीडिया और व्हाटसएप पर बीते 8 माह से घृणात्मक कंटेंट मिलने से नाबालिग कट्टर हो गया था, जिसके चलते गुरूवार को उसने जामिया में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर गोली चला दी।
एक जांच अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि ‘करीब दो साल पहले युवक ऑनलाइन कुछ लोगों के संपर्क में आया था, इन लोगों के बीच इस बात पर चर्चा होती थी कि धर्म खतरे में हैं।
नाबालिग इन लोगों की पोस्ट और वीडियो को करीब से फॉलो करता था। इसके साथ ही संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग और जामिया में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर वह व्हाट्सएप पर काफी सक्रिय था।’
नाबालिग गुरूवार को सिर्फ दूसरी बार दिल्ली आया था। पहली बार वह दिल्ली तब आया था, जब वह सिर्फ 7 साल का था। जांच अधिकारियों के अनुसार, नाबालिग एक रोडवेज बस से दिल्ली के कालिंदी कुंज उतरा था।
पुलिस के अनुसार वह खुद को सच्चा राष्ट्रवादी बता रहा है। वह साल 2018 में कासगंज हिंसा के दौरान हुई चंदन गुप्ता की मौत से दुखी था। इसके अलावा वह अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या से भी गुस्से में था।
नाबालिग ने पुलिस को बताया है कि ‘अपने धर्म के लिए मर भी सकता है। उसने अपना काम कर दिया है।’
जामिया में फायरिंग के बाद नाबालिग को न्यू फ्रेंड्स कालोनी पुलिस स्टेशन लाया गया। इसके बाद उसे ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन ले जाया गया। शाम में उसे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया, जहां काउंसलर की देखरेख में उससे पूछताछ हुई।
वहीं जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को फायरिंग की घटना की निंदा की और केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। बता दें कि अनुराग ठाकुर ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान विवादित बयान दिया था।