Jallikattu 2020: पोंगल के अवसर पर बुधवार को तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में जलीकट्टू का आयोजन किया गया जिसमें 641 सांडों और 607 लोगों ने हिस्सा लिया। एक अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया कि इस खेल में भाग ले रहे 641 सांडों में से 397 को कोई काबू नहीं कर सका और वे विजयी रहे। क्रीडा स्थल के आसपास कई तरह के निर्देश बोर्ड लगे हैं जैसे कि ‘सींग को न पकड़ें’, ‘कई लोग एक जानवर के पीछे न भागें’, ‘सांडों को जाने दें।’ अवनीपुरम में भी जलीकट्टू का आयोजन उत्साह से हुआ। इसी तरह पलामेडू में कल और अलंगानल्लूर में 17 जनवरी को इसका आयोजन होगा।
इस खेल के दौरान सांडों को वश में करने की कोशिश की जाती है। अगर किसी ने उस पर नियंत्रण कर लिया तो वह विजेता, नहीं तो सांड की जीत होती है। हर राउंड में करीब 60 से 70 भागीदार खास तरह का टी-शर्ट पहनकर इस खेल में हिस्सा लेते हैं। सांड को छोड़ने के बाद लोग उसे पकड़ने का दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं। कई विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं।
#WATCH Tamil Nadu: #Jallikattu competition being held in Madurai’s Palamedu. 700 bulls are participating in it. pic.twitter.com/gA2Q0qqd2F
— ANI (@ANI) January 16, 2020
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भागीदारों और सांडों के चिकित्सकीय निरीक्षण के बाद उन्हें इसमें हिस्सा लेने की अनुमति मिलती है।शराब के नशे में जो लोग थे, उन्हें इस खेल में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गयी। कमजोर सांडों को भी इसमें शामिल करने की इजाजत नहीं मिली।
अधिकारियों ने बताया कि खेल में हिस्सा लेने वाले भागीदार, दर्शक और सांड मालिकों सहित 62 लोग घायल हो गए। इनमें 34 प्रतिभागी और 28 दर्शक हैं। इनमें से आठ को सरकारी राजाजी अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि, कोई भी सांड घायल नहीं हुआ है।