पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने करीब सालभर पहले एक सम्मेलन में संकल्प लिया था कि भारत..पाकिस्तान संबंध चाहे जिस भी स्थिति में रहे वह अपना ‘गजवा ए हिंद’ (भारत के खिलाफ जिहाद) जारी रखेगा। यह बात एक गुप्तचर रिपोर्ट में कही गई है। अधिकारियों ने पाकिस्तान के ओकारा जिले में 27 नवम्बर 2017 को आयोजित सम्मेलन का उल्लेख करते हुए यह बात कही। उस सम्मेलन में 2000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और जैश-ए-मोहम्मद की संगठनात्मक गतिविधियों और उसके प्रमुख मसूद अजहर की भूमिका की प्रशंसा की थी। मसूद अजहर 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा और भारत में हुए अन्य आतंकवादी हमलों का मुख्य षड्यंत्रकर्ता है। पुलवामा में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
सीमापार से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर तैयार गुप्तचर रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद ने सम्मेलन में अपने कथित ‘गजवा ए हिंद’ को जारी रखने का संकल्प लिया था। सम्मेलन को जैश-ए-मोहम्मद नेताओं अब्दुल राउफ असगर, मोहम्मद मकसूद और अब्दुल मलिक ताहिर ने संबोधित किया था।
रिपोर्ट में कहा गया है असगर ने कहा था कि भारत..पाकिस्तान मित्रता और द्विपक्षीय व्यापार से ‘जिहाद’ समाप्त नहीं होगा क्योंकि ‘शहादत’ के लिए कई युवा तैयार हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय सेना के सुंजवान शिविर पर 10 फरवरी 2018 को किए गए पूर्व नियोजित हमले को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा कश्मीर में ”अफजल गुरु शहीद स्क्वैड” द्वारा शुरू किए गए “बदले” के कदम के तौर पर बताया गया था। बताया जाता है कि काफिरों को जीतने के लिए किए जाने वाले युद्ध को गजवा कहते हैं और जिसे मैदान में जीत हासिल होती है उसे गाजी कहते हैं।