सीबीआई ने आज दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में क्लीनचिट पा चुके कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ गवाह को प्रभावित करने और धनशोधन के आरोप पर नयी प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
जांच एजेंसी का जवाब अदालत के उस सवाल पर आया कि क्या सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 193 :गलत सबूत के लिए सजा: और 195ए :गलत सबूत देने के लिए किसी व्यक्ति को धमकाना: तथा धनशोधन विरोधी कानून के तहत कोई मामला दर्ज किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सौरभ प्रताप सिंह लालर ने कहा, ‘‘पीड़ित की तरफ से एक आवेदन यह जानने के लिए दिया गया कि क्या भारतीय दंड संहिता की धारा 193 और 195 तथा धनशोधन विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में अदालत की ओर से सरकारी अभियोजक से सवाल किया गया था। उन्होंने कहा कि कोई अलग से प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में आवेदन का निपटारा हो जाता है।’’
अदालत ने मामले में टाइटलर को क्लीनचिट देने वाली सीबीआई की तीसरी समापन रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दायर करने के लिए 30 जुलाई की तारीख तय की है।
पीड़ितों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का और वकील कामना वोहरा ने विरोध याचिका दायर करने के लिए चार सप्ताह के समय की मांग की थी।